MUMBAI.15 अगस्त 1975 स्वतंत्रता दिवस (Independence day) के दिन रिलीज हुई फिल्म 'शोले'(movie Sholay)को आज भी एक आइकॉनिक फिल्म (iconic film)माना जाता है। सुपरहिट फिल्म शोले को रिलीज हुए आज 47 साल पूरे हो गए है। आज तक ऐसी कोई भी फिल्म नहीं बनी जो शोले का मुकाबला कर सकें। यह फिल्म भले ही चार दशक पुरानी हो लेकिन इस ऐतिहासिक फिल्म को फैंस कई बार देख चुके हैं। लेकिन इसके बाद भी किसी का मन नहीं भरा है और शायद ही कभी किसी का मन भरें।
अमिताभ-धर्मेन्द्र को मिला जय -वीरू का नाम
शोले एक ऐसी फिल्म है जिसके एक-एक सीन बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को याद है। यहीं नहीं फिल्म के गाने,डायलॉग(dialogue),किरदार और उनके कपड़े तक फैंस को आज भी बहुत अच्छे से याद होंगे। 'शोले'में अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) और धर्मेन्द्र (Dharmendra) को जय वीरू (Jai Veeru) का नाम मिला था। सिर्फ ऑनस्क्रीन नहीं बल्कि ऑफस्क्रीन भी इन्हें साथ में इसी नाम से पहचाना गया। ये जय -वीरू की जोड़ी आज भी हर किसी को याद है।
फिल्म में इस कलाकार ने ये भूमिका निभाई
शोले के किरदार आज भी लोगों के दिल में जिंदा है। रमेश सिप्पी (Ramesh Sippy)की फिल्म 'शोले' में धर्मेंद्र ने वीरू का रोल प्ले किया था। जबकि अमिताभ, जय के किरदार में नजर आए थे। अमजद खान (Amzad Khan)ने डाकू गब्बर सिंह का रोल प्ले किया। संजीव कुमार ठाकुर के किरदार में थे। इसके अलावा हेमा मालिनी लगातार बोलते रहने वाली ग्रामीण लड़की बसंती की भूमिका में नजर आई थी और जया बच्चन राधा के रोल में थी।
ये डायलॉग आज भी सबके जेहन में जिंदा
'तेरा क्या होगा कालिया',गब्बर सिंह से तुम्हे एक ही आदमी बचा सकता है और वो है खुद गब्बर सिंह। छे गोली और तीन आदमी बहुत नाइंसाफी है। जब तक तेरे पैर चलेंगे, उसकी सांसे चलेगी,जब तेरे पैर रुकेंगे तो गोली चलेगी। कितने आदमी थे। जो डर गया, समझो मर गया। बसंती इन कुत्तो के सामने मत नाचना। बसंती वैसे तुम्हारा नाम क्या है? ठाकुर साहब हम सिर्फ पैसो के लिए काम करते है। आधे इधर जाओ,आधे उधर जाओ बाकि मेरे पीछे आओ समेत कई अन्य डायलॉग आज भी सबके जेहन में है। छोटे से लेकर बड़े तक इस डायलॉग को यूज करते है। बताया जाता है कि पहले इस फिल्म का नाम 'एक, दो, तीन' या 'मेजर साब' रखने पर चर्चा हो रही थी। फिल्म की आधी शूटिंग होने के बाद में इसका नाम 'शोले'फाइनल किया गया।