MUMBAI. अनाड़ी, चुपके-चुपके, अनुपमा और आनंद जैसी बेहतरीन फिल्में देने वाले ऋषिकेश मुखर्जी (Hrishikesh Mukherjee) की आज (27 अगस्त) पुण्यतिथि है। उनका निधन 27 अगस्त 2006 को हुआ था। ऋषिकेश मुखर्जी एक ऐसा नाम था, जिनके साथ काम करने के लिए बड़े-बड़े एक्टर्स सपने देखते थे।
ऋषिकेश ने बॉलीवुड में बतौर कैमरामेन रखा कदम
ऋषिकेश मुखर्जी का जन्म 30 सितंबर 1922 को बंगाली ब्राह्मण फैमिली में हुआ था। उन्होंने केमिस्ट्री में ग्रेजुएशन की करने के बाद बच्चों को मैथ्स और साइंस की शिक्षा देने लगे। लेकिन उनका मन फिल्मों लगा और बतौर कैमरामेन फिल्मों में अपने करियर की शुरुआत कर दी। इसके बाद फिल्म एडिटर, असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम करने के बाद, 1957 में फिल्म मुसाफिर से बतौर डायरेक्टर डेब्यू किया।
ऋषिकेश की 'मुसाफिर' सक्सेस तो नहीं मिली लेकिन ये कल्ट फिल्म मानी गई। इसके बाद उन्होंने फिल्म अनाड़ी डायरेक्ट की। इसमें राज कपूर और नूतन को कास्ट किया। फिल्म की कॉस्ट एंड क्रू को 5 फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा गया। लेकिन ऋषिकेश मुखर्जी को बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड अपने मार्गदर्शक रहे बिमल रॉय के हाथों हारना पड़ा।
ऋषिकेश को शूटिंग में लेट-लतीफी पसंद नहीं थी
ऋषिकेश का गुस्सा काफी तेज था। एक्टर्स उनकी फिल्म के सेट पर लेट लतीफी नहीं कर सकते थे। यदि कोई एक्टर लेट हो जाता तो कई बार वे शूटिंग ही कैंसिल कर देते थे। उनकी फिल्मों के सीन्स, एक्टर्स को शूट होने से ठीक पहले बताए जाते थे। वहीं फिल्मों में एक्टर्स की फीस को लेकर भी राजेश खन्ना का एक किस्सा काफी मशहूर है।
राजेश खन्ना ने आनंद में सिर्फ 1 लाख फीस चार्ज की
दरअसल, ऋषि दा के डायरेक्शन में बन रही फिल्म आनंद (1971) में राजेश खन्ना लीड रोल प्ले कर रहे थे। उस समय राजेश खन्ना एक फिल्म का 8 लाख रुपए चार्ज करते थे। लेकिन इस फिल्म में राजेश खन्ना ने सिर्फ 1 लाख रुपए ही फीस ली थी। ये वो फिल्म है जिसके दीवाने लोग आज भी हैं। राजेश खन्ना को बाबू मोशाय आज भी लोगों की जुबान पर है।