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गोविंदा उन सितारों में से एक हैं, जो यह साबित करते हैं कि सफल बनने के लिए शॉर्ट कट कोई जरिया नहीं होता। अभिनेता ने जीवन में आने वाले हर उतार-चढ़ाव और परिस्थितियों का बखूबी सामना किया, यही कारण रहा कि वह ऐसे चमके कि चारों तरफ उनकी रोशनी ने प्रकाश कर दिया।
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अव्वल डांसर...शानदार कलाकार, यह दोनों शब्द 90 के दशक के अभिनेता गोविंदा पर बिल्कुल सटीक बैठते हैं। संघर्ष पथ पर पूरे लगन के साथ तत्परता से आगे बढ़ते हुए गोविंदा ने मनोरंजन जगत में अपनी अलग पहचान बनाई।
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गोविंदा कॉमर्स में ग्रेजुएट हैं, और अभिनेता बनने से पहले वह कई जगह नौकरी की तलाश कर रहे थे। 80 के दशक में उन्हें सबसे पहले एलविन नाम की एक कंपनी का विज्ञापन मिला और इसके बाद वे फिर कभी नहीं रुके। गोविंदा ने इंडस्ट्री को 'राजा बाबू', 'कुली नम्बर 1', 'दीवाना मस्ताना', 'बड़े मिया छोटे मिया', 'हीरो नम्बर 1', 'साजन चले ससुराल', 'दुलारा', 'शोला और शबनम', 'दूल्हे राजा' और 'हसीना मान जाएगी' समेत कई शानदार फिल्में दी हैं। साथ ही उन्होंने इंडस्ट्री को कई हिट डांस नंबर भी दिए हैं, जिनमें 'यूपी वाला ठुमका' और 'किसी डिस्को में जाएं' प्रमुख है।
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बात करें अभिनेता के फिल्मी करियर की तो उन्होंने “लव 86” फिल्म से डेब्यू किया था, जोकि सुपरहिट रही थी। इस फिल्म ने रातों-रात उनकी किस्मत बदल दी। इसकी सफलता के बाद सभी निर्माता और निर्देशक उनके घर के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो गए। एक वक्त ऐसा भी था जब उनके पास एक साथ 70 फिल्में थी।
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