NEW DELHI. कला का ना तो कोई धर्म होता है और ना ही कोई जाति। इन दिनों 'हर-हर शंभू' गाना सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इसे इंडियन आइडल फेम फरमानी नाज ने भी गाकर अपने यूट्यूब चैनल पर शेयर किया है। यूपी के मुजफ्फरनगर की ये सिंगर इसी के बाद विवादों में आ गईं। देवबंद के उलेमा ने फरमानी नाज के गाए 'हर हर शंभू' भजन को लेकर कहा कि यह शरीयत के खिलाफ है।
इसी को लेकर एक न्यूज चैनल पर फरमानी नाज ने कहा कि वह एक कलाकार है और कलाकार के तौर पर हर तरह के गाने गाए हैं। अभी सावन का महीना चल रहा है तो उन्होंने 'हर-हर शंभू' गीत यूट्यूब चैनल पर डाला। उन्हें किसी ने भी घर आकर गाने से नहीं रोका। हां, कुछ लोग सोशल मीडिया पर इस तरह के कमेंट कर देते हैं।
मुस्लिम गायिका फरमानी नाज ने ऐसा क्या गाया कि देवबंद उलेमा ने फतवा सुना दिया। आप भी सुनिए। उलेमाओं ने इसे शरीयत के खिलाफ बताया। @anandpandey72 @harishdivekar1 pic.twitter.com/L1ZtIyuqd9
— TheSootr (@TheSootr) August 1, 2022
किसी को कोई परेशानी क्यों होनी चाहिए?
एक सवाल पर कि आपको किस वजह से टारगेट किया जा रहा है, आप एक महिला हैं या फिर फरमानी नाज हैं, इसके जवाब में फरमानी ने कहा कि ये तो नहीं पता, लेकिन आज लड़कियां इंडिपेंडेंट होकर समाज में रह रही हैं। वे अपने टैलेंट के दम पर आगे बढ़ रही हैं। ऐसे में किसी को भला क्यों परेशानी होनी चाहिए? मैं एक भक्ति चैनल चलाती हूं, जिस पर कई भक्ति गीत गाए हैं, राधा कृष्ण के भी कई गाने गाए हैं।
भजन गाने का आइडिया कहां से आया, इसके जवाब में फरमानी ने कहा कि जब कव्वाली करते हैं तो भजन भी गा लेते हैं। पहला भजन घनश्याम तेरी बंशी.. गाया था। गांव में मेरे गाने पर सभी लोग खुश होते हैं, गाने की तारीफ करते हैं। मैं एक कलाकार है। ऐसे में हर तरह के गीत गाने पड़ते हैं।
'मैं कलाकार हूं, गाने गाकर जीवनयापन कर रही हूं'
फरमानी ने कहा, 'मुझे इतनी अच्छी आवाज मिली है तो अपने हुनर के बल पर गाने गाकर आगे बढ़ रही हूं। मर्यादा में रहकर गाती हूं। कभी किसी धर्म का अपमान नहीं किया। 2018 में शादी के बाद एक बेटा हुआ। बेटे को बीमारी थी। इसके बाद पति और ससुराल वालों ने छोड़ दिया। इसके बाद जीवनयापन के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा। मेरे सामने कोई विकल्प नहीं था। ऐसे में एक कलाकार के तौर पर गाने गाना शुरू कर दिया। आज गाकर ही परिवार चला रही हूं।'
'मुझे तलाक दिए बिना पति ने दूसरी शादी कर ली, इस मामले पर कभी किसी ने मेरा दुख नहीं समझा। अब आज जब गाने गाकर अपने बेटे को पाल रही हूं तो लोगों को दिक्कत हो रही है। इसमें किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। लोग मेरे गानों को पसंद कर रहे हैं। बच्चे के भविष्य के लिए कर रही हूं। सरकार कोई ऐसा कदम उठाए कि जो मेरे साथ हुआ है, वो किसी और के साथ नहीं हो।'
फरमानी के गाने को लेकर मुफ्ती ये बोले थे
मुफ्ती असद कासमी ने कहा था, इस्लाम में शरीयत के अंदर कोई भी किसी भी तरह का गाना गाना जायज नहीं है। मुसलमान होते हुए अगर कोई गाना गाता है तो यह गुनाह है। किसी भी तरीके के गाने हों, उनसे फरहेज करना चाहिए, उनसे बचना चाहिए। फरमानी नाम की महिला ने गाना गाया है। यह शरीयत के खिलाफ है। मुसलमान होने के बावजूद ऐसे गाने गाना गुनाह है। महिला को इससे परहेज करना चाहिए, तौबा करनी चाहिए।