MUMBAI: कागज के फूल में चौदहवीं का चांद ढूंढते रहे गुरूदत्त और परिवार रह गया प्यासा 

author-image
Pratibha Rana
एडिट
New Update
MUMBAI: कागज के फूल में चौदहवीं का चांद ढूंढते रहे गुरूदत्त और परिवार रह गया प्यासा 

Mumbai. 50 और 60 दशक के मशहूर एक्टर गुरु दत्त (Guru Dutt) की आज 96वीं बर्थ एनिवर्सरी (Birth Anniversary) है। वे एक बेहतरीन एक्टर के साथ-साथ डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी थे। अगर बात की जाए गुरु दत्त के फिल्मी करियर की तो उन्होंने कई हिट फिल्में दी है। फिल्मफूल और कांटे को अगर छोड़ दिया जाए तो उनकी सभी फिल्में सुपरहिट थी। इसमें सुहागन (Suhagan) ,भरोसा,साहिब बीबी और ग़ुलाम,चौदहवीं का चांद, काला बाज़ार, कागज़ के फूल, प्यासा, मिस्टर एंड मिसेज़ 55,आर-पार,हम एक हैं समेत कई अन्य फिल्में शामिल है। उनकी प्यासा फिल्म सबसे हिट फिल्मों में से एक थी। गुरु दत्त की प्रोफेशनल लाइफ जितनी अच्छी रही, उनकी पर्सनल लाइफ उतनी ही ट्रैजिक रही। आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी पर हम आपको बताते है उनकी लाइफ से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से....



यहां हुआ था जन्म



गुरु दत्त  का जन्म 9 जुलाई 1925 को कर्नाटक में हुआ था। गुरु दत्त का पूरा नाम वसंत कुमार शिवशंकर पादुकोण था। बचपन में घटी एक दुर्घटना के बाद उन्होंने अपना नाम बदकर गुरु दत्त कर लिया था। इसके बाद वो मुंबई आ गए थे और फिर इसी नाम से उन्हें जाना गया।  गुरु दत्त के पिता स्कूल के प्रिंसिपल थे और मां लेखिका थीं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा कलकत्ता में हुई थी। लेकिन वो कभी कॉलेज नहीं जा सकें क्योंकि उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। 



टेलीफोन ऑपरेटर की जॉब छोड़ फिल्मी दुनिया में रखा कदम



गुरु दत्त कलकत्ता में टेलीफोन ऑपरेटर कंपनी में नौकरी करते थे। लेकिन उन्होंने ये नौकरी छोड़कर फिल्मी दुनिया में कदम रखा। इसके बाद कुछ समय बाद प्रभात फिल्म कंपनी के साथ काम करना शुरु कर दिया।  1944 में गुरु दत्त ने फिल्म चौदहवीं का चांद से अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की। गुरु दत्त ने सर्फ 8 फिल्में ही डायरेक्ट की हैं। 



gurudutt



यहां से हुई प्यार की कहानी शुरु



गुरु दत्त 1951 में  फिल्म 'बाजी' में नजर आए थे। यहीं पर उनकी मुलाकात सिंगर गीता रॉय से हुई। पहली ही मुलाकात में उन्हें गीता से मोहब्बत हो गई। दोनों एक दूसरे के साथ काफी समय तक रहे फिर दोनों ने शादी करने का फैसला लिया। हालांकि गीता के परिजनों को गुरु दत्त बिलकुल भी पसंद नहीं था। इसके बाद भी गीता ने अपने परिवार के खिलाफ जाकर मई 26,1953 में गुरु दत्त से शादी कर ली। इसके बाद उनके तीन बच्चे हुए, जिनके नाम तरुण दत्त, अरुण दत्त और नीना दत्त थे। 



यहां से शुरु हुई उनके रिश्ते में नोकझोंक



दोनों ही अपने बच्चों के साथ खुशी भरी जिंदगी जा रहे थे। अचानक गुरु दत्त की लाइफ में एक्ट्रेस वहिदा रहमान की एंट्री हुई। इस बात की जानकारी जब गीता को लगी तो वो नाराज होकर अपने बच्चों को लेकर अपने मायके चली गईं। बताया जाता है कि वहिदा और गुरु दत्त के बीच कभी वैसे संबंध नहीं थे। गुरु दत्त  वहिदा को सिर्फ पसंद करते थे। इस बात का पता जब वहिदा को चला कि उसकी वजह से गुरु दत्त और गीता  की लाइफ में नोकझोंक हो रही है तो उसने एक्टर से दूरी बना ली। गुरु ये सब बर्दास्त नहीं कर पाए और  वो डिप्रेशन में चल गए। जिस समय उन्होंने सुसाइड किया, तब वे 3 दिन के लिए कोमा में चले गए थे। कोमा में जब उन्हें होश आया तो उन्होंने सबसे पहले अपनी पत्नी गीता का नाम लिया। 



gurudutt



इस दिना कहा दुनिया को अलविदा



बताया जाता है कि गुरु दत्त ने एक दिन गीता को फोन किया था और अपने बच्चों से मिलने की बात रही थी। लेकिन गीता ने उनकी बात नहीं सुनी थी। इसके बाद वो काफी डिप्रेशन में चले गए। उन्हें नींद न आने की बीमारी भी हो गई। बच्चों से मिलने के लिए वो तड़पते रहे लेकिन मिल नहीं सकें।  फिर उन्होंने बिना कुछ खाए ही खूब शराब पी और बाद में नींद न आने की वजह से नींद की गोलियां खा ली। कहा जाता है कि उन्होंने ऐसा सुसाइड करने के उद्देश्य से किया था, लेकिन खालीपेट ऐसा करने से उनका निधन हो गया।



निधन से पहले कई फिल्मों पर कर रहे थे काम 



गुरु दत्त की फिल्म लव एंड गॉड,पिकनिक की शूटिंग अधूरी थी। इससे पहले की वो पूरी हो पाती उन्होंने दुनिया को हमेशा के लिए छोड़ दिया। गुरु दत्त की आखिरी फिल्म बहारें थी।


Bollywood वहिदा रेहमान गीता रॉय वसंत कुमार शिवशंकर पादुकोण साहिब बीबी और ग़ुलाम भरोसा सुहागन Wahida Rehman गुरु दत्त Geeta Roy Vasant Kumar Shivshankar Padukone Sahib Bibi Aur Ghulam Bharosa Guru Dutt Suhagan कर्नाटक Karnataka बर्थ एनिवर्सरी birth anniversary