भोपाल. बुंदेलखंड को एक बार फिर गर्व करने का मौका मिला है। दुनिया के सबसे बड़े अवॉर्ड समारोह में बुंदेलखंड की महिलाओं पर बनी डॉक्यूमेंट्री ने अपनी जगह बनाई है। डॉक्यूमेंट्री फिल्म राइटिंग विथ फायर (Writing With Fire) को 2022 के ऑस्कर के लिए नॉमिनेट किया गया है। ये बुंदेलखंड की दलित महिलाओं की कहानी है। इस कहानी ने 94वें ऑस्कर अवॉर्ड्स (oscar award) की आखिरी नॉमिनेशन लिस्ट में अपनी जगह बनाई है।
खबर लहरिया के उत्थान की कहानी: रिंटू थॉमस और सुष्मित घोष ने राइटिंग विथ फायर को डायरेक्ट किया है। इसमें खबर लहरिया के उत्थान की कहानी बयान की गई है। इसे बुंदेलखंड (bundelkhand) की दलित महिलाओं का एक समूह चलाता है। खास बात ये है कि इस तरह चलने वाला देश का ये एकमात्र अखबार है। डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया है कि कैसे वो इस अखबार को सामाजिक दायरे से जोड़े रखने के लिए प्रिंट से डिजिटल में तब्दील करती हैं। इस दौरान महिलाएं जाति और जेंडर भेदभाव की कई चुनौतियों का सामना करती है लेकिन वो हारती नहीं है।
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इसलिए है खास: महिला पत्रकारों की टीम खबर लहरिया को सबसे खास बनाती है। इस टीम में ग्रामीण पृष्ठभूमि की दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाएं शामिल हैं। इनमें कई महिलाएं ऐसी है, जिन्होंने मिडिल स्कूल तक पढ़ाई की है। साथ ही कुछ महिलाएं पढ़ी लिखी तक नहीं है। फिर भी महिलाओं ने जैसे इस न्यूज प्लेटफॉर्म को बुलंदियों पर पहुंचाया, वो काबिले तारीफ है।
True story - your Documentary Feature nominees are... #Oscar pic.twitter.com/wCvJ0Ao6Jr
— The Academy (@TheAcademy) February 8, 2022
दो दशक पहले शुरू हुआ था सफर: इसकी शुरुआत साल 2002 में उत्तर प्रदेश के चित्रकुट में निरंतर NGO ने मीरा जाटव, शालिनी जोशी और कविका बुंदेलखंडी के साथ मिलकर की थी। जब इस अखबार की शुरुआत हुई, उस वक्त इसमें काम करने वाली महिला पत्रकार और रिपोर्टर्स खुद अपने हाथ से खबरों को एक पन्ने पर लिखती थीं। साल 2015 से खबर लहरिया (Khabar Lahariya) पूरी तरह डिजिटल हो गया और अब यह चंबल मीडिया का एक अंग है। इसकी अपनी वेबसाइट है, जिसपर आप देश बुंदेलखंड से जुड़ी तमाम जनसरोकार से जुड़ी खबरें पढ़ सकते हैं।