'दलाल' मूवी के लिए 'लोटन कबूतर रे' लिखने वाली माया गोविंद का 80 साल की उम्र निधन

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'दलाल' मूवी के लिए 'लोटन कबूतर रे' लिखने वाली माया गोविंद का 80 साल की उम्र निधन

दिल्ली. जानी-मानी कवयित्री, लेखिका और 350 से भी ज्यादा हिंदी फिल्मों के लिए गाने लिखने वाली गीतकार माया गोविंद का 7 अप्रैल को निधन हो गया। फिल्म ‘दलाल’ के गाने ‘गुटुर गुटुर’ को लेकर अरसे तक विवादों में घिरी रहीं माया गोविंद ने 80 साल की उम्र में अपने बेटे अजय की गोद में अंतिम सांस ली। अस्पताल में चले लंबे इलाज के बाद माया गोविंद को उनके बेटे अजय फरवरी में घर ले आए थे। अंतिम संस्कार जुहू स्थित पवन हंस श्मशान गृह में दोपहर बाद करीब 4 बजे किया जाएगा। लखनऊ में जन्म लेने वाली माया गोविंद को कथक में महारत हासिल रही। बतौर अभिनेत्री भी उन्होंने परदे पर और रंगमंच पर अपना नाम बनाया और तमाम पुरस्कार भी जीते। 





माया गोविंद का सफर





माया गोविंद को उनका फर्स्ट ब्रेक निर्माता निर्देशक आत्मा राम ने अपनी फिल्म 'आरोप' में दिया था। पहले ब्रेक में ही माया ने साबित कर दिया था कि वो लिरिक्स के मामले में बाकियों से काफी अलग हैं। 1979 में 'सावन को आने दो' फिल्म के 'कजरे की बाती' ने माया गोविंद को खूब लोकप्रियता दिलाई थी। इसके बाद उन्होंने 'आंखों में बस हो तुम', 'मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी', 'तेरी मेरी प्रेम कहानी' और 'रानी चेहरे वाले' जैसे कई सदाबहार गाने लिख कर म्यूजिक लवर्स को कुछ नया सुनने का मौका दिया।





ब्रेन ब्लड क्लॉटिंग बिमारी से थी पीड़ित





अजय गोविंद ने मीडिया को बताया कि बीते लंबे समय से उनकी मां माया गोविंद की तबीयत ठीक नहीं चल रही थी। पहले उन्हें लंग इंफेक्शन और बाद में ब्रेन ब्लड क्लॉटिंग की वजह से अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। मुंबई के जुहू स्थित आरोग्य निधि अस्पताल में माया गोविंद के इलाज में लापरवाही बरती जा रही थी। इसी को देखते हुए अजय ने मां का इलाज घर पर ही करवाना शुरू कर दिया। बीते कुछ दिनों से उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी, और आखिरकार 7 अप्रैल को माया ने हमेशा-हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह दिया।





मनोरंज जगत के लिए सदमा





बताते चलें कि माया गोविंद का जन्म 1940 में लखनऊ में हुआ था। उन्होंने बतौर लिरिसिस्ट अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने 'बाल ब्रह्मचारी', 'आर या पार', 'गर्व', 'सौतेला', 'रजिया सुल्तान', 'मैं खिलाड़ी अनाड़ी',  'याराना' और  'लाल बादशाह'  जैसी तकरीबन 350 फिल्मों के लिए गाने लिखे थे। माया गोविंद ने 80 के दशक में फिल्मों समेत तमाम टीवी सीरियल्स और म्यूजिक एल्बम्स के लिए गाने लिखे थे। उन्हें कई अवॉर्ड्स से भी सम्मानित किया गया था। वहीं, उनके निधन पर पूरा मनोरंज जगत सदमे में हैं। साथ ही फैंस, सोशल मीडिया के जरिए लिरिसिस्ट को श्रद्धांजलि अर्पित करते देखे जा रहे हैं।



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