Mumbai. विख्यात संतूर वादक पं. शिव कुमार शर्मा का मुंबई में 84 साल की उम्र में निधन हो गया। वे किडनी की समस्या से पीड़ित थे। उन्होंने यश चोपड़ा की सिलसिला, चांदनी, लम्हें जैसी कई फिल्मों में अपने संगीत का जादू चलाया था। इन फिल्मों में उन्होंने बांसुरी वादक पं. हरिप्रसाद चौरसिया के साथ मिलकर (शिव-हरि के नाम से) संगीत दिया था।
संगीत संसार के लिए बड़ा आघात ! पंडित शिवकुमार शर्मा जी के निधन से शुद्धतावादी वाद्य कला का एक युग समाप्त..
मन बहुत खिन्न है, एक एक करके हमारे सारे मूर्धन्य जा रहे हैं
विनम्र श्रद्धांजलि ????#PanditShivkumarSharma pic.twitter.com/XdhNEMvUOf
— Yatindra Mishra/यतीन्द्र मिश्र (@Yatindra76) May 10, 2022
मोदी बोले- संतूर को विश्व में पहचान दिलाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा, पंडित शिवकुमार शर्मा जी के निधन से हमारी सांस्कृतिक दुनिया अधूरी हो गई है। उन्होंने संतूर को विश्व में पहचान दिलाई और लोकप्रिय बनाया। उनका संगीत आने वाली पीढ़ियों को मंत्रमुग्ध करता रहेगा। मुझे उनके साथ अपनी बातचीत अच्छी तरह याद है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं।
Our cultural world is poorer with the demise of Pandit Shivkumar Sharma Ji. He popularised the Santoor at a global level. His music will continue to enthral the coming generations. I fondly remember my interactions with him. Condolences to his family and admirers. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 10, 2022
5 साल की उम्र से संगीत की शिक्षा
पं. शिवकुमार शर्मा का जन्म 13 जनवरी 1938 को जम्मू में हुआ था। उनके पिता पं. उमादत्त शर्मा भी जाने-माने गायक थे। 5 साल की उम्र में पं. शर्मा की संगीत शिक्षा शुरू हो गई। पिता ने उन्हें सुर साधना और तबला दोनों की ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी थी। 13 की उम्र में उन्होंने संतूर सीखना शुरू किया। संतूर जम्मू-कश्मीर का लोक वाद्ययंत्र था, जिसे इंटरनेशनल फेम दिलाने का श्रेय पं. शिवकुमार को ही जाता है।
17 साल की उम्र में पहला शो
1955 में महज 17 साल की उम्र में पं. शिवकुमार शर्मा ने मुंबई में संतूर वादन का अपना पहला शो किया। इसके बाद उन्होंने संतूर के तारों से दुनिया को संगीत की एक नई आवाज से वाकिफ कराया। क्लासिकल संगीत में उनका साथ देने आए बांसुरी वादक पं. हरिप्रसाद चौरसिया। दोनों ने 1967 से साथ में काम करना शुरू किया और शिव-हरि के नाम से जोड़ी बनाई।
ऐसे चली शिव-हरि की जोड़ी
पं. शिव कुमार शर्मा और पं. हरि प्रसाद चौरसिया दोनों अपनी जुगलबंदी के लिए प्रसिद्ध थे। 1967 में पहली बार दोनों ने शिव-हरि के नाम से एक क्लासिकल एलबम तैयार किया। एलबम का नाम था- कॉल ऑफ द वैली। इसके बाद उन्होंने कई म्यूजिक एलबम साथ किए। शिव-हरि की जोड़ी को फिल्मों में पहला ब्रेक यश चोपड़ा ने दिया। 1981 में आई फिल्म सिलसिला में शिव-हरि की जोड़ी ने संगीत दिया था। यश की चार फिल्मों समेत दोनों ने कुल 8 फिल्मों में म्यूजिक दिया।
- 1981- सिलसिला