मुंबई. हिंदी सिनेमा के दिग्गज गीतकार, स्क्रिप्ट राइटर जावेद अख्तर का आज जन्मदिन है। जावेद मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 17 जनवरी 1945 पैदा हुए थे। उनका असली नाम जादू है। जावेद के पिता जांनिसार अख्तर हिंदी सिनेमा के मशहूर गीतकार थे और उनकी मां सैफिया अख्तर गायिका-लेखिका थीं। बहुत छोटी उम्र में ही जावेद ने अपनी मां को खो दिया और इसके बाद पिता ने दूसरी शादी कर ली।
काम के लिए खासा स्ट्रगल: फिल्मों में करियर बनाने जावेद जब मुंबई आए तो उनके पास खाने तक के पैसे नहीं थे। कमाल अमरोही (पाकीजा के डिरेक्टर) के स्टूडियो में उन्हें ठिकाना मिला। कुछ समय बाद जावेद को फिल्मों में क्लैपर बॉय का काम मिल गया। फिल्म 'सरहदी लुटेरा' की शूटिंग के दौरान उनकी मुलाकात सलीम खान से हुई। सलीम खान और जावेद अख्तर की जोड़ी ने फिल्म इंडस्ट्री में नया दौर ही शुरू कर दिया।
जोड़ी ने मचाया धमाल: सलीम-जावेद ने मिलकर करीब 24 फिल्मों की स्क्रिप्ट लिखी थीं, जिसमें सिर्फ 4 कहानियां ही फ्लॉप हुईं। उनकी साथ में लिखी 20 कहानियों ने पर्दे पर तहलका मचा दिया था। हालांकि, 1982 में जावेद और सलीम कुछ निजी कारणों के चलते एक-दूसरे से अलग हो गए। दोनों ने मिलकर यादों की बारात, जंजीर, शोले, दीवार, मजबूर, त्रिशूल, डॉन, काला पत्थर, शक्ति, शान, दोस्ताना जैसी कई फिल्मों की स्क्रिप्ट लिखी। 1987 में रिलीज हुई मिस्टर इंडिया के लिए दोनों ने आखिरी बार साथ में स्क्रिप्ट लिखी।
लव लेटर लिखने के लिए मशहूर थे: जावेद की लेखनी बचपन से ही दमदार थी। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि स्कूल के समय लड़के उनसे लव लेटर लिखवाने आया करते थे। वो उन लोगों के भी लव लेटर लिखते थे, जिन्हें वो जानते तक नहीं थे। लव लेटर लिखने में उनकी बड़ी डिमांड थी।
शर्त जीतकर हनी ईरानी से शादी: जावेद अख्तर की पहली पत्नी का नाम हनी ईरानी है। फिल्म 'सीता और गीता' के दौरान जावेद की मुलाकात हनी से हुई। फिल्म हिट होने की शर्त जीतकर जावेद ने हनी से शादी की थी। दोनों की उम्र में 10 साल का फासला था, लेकिन दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे। कुछ सालों बाद जावेद को अच्छा काम मिलने लगा। जल्द ही हनी बेटी जोया की मां बन गईं। 1974 में हनी और जावेद के घर फरहान का जन्म हुआ।
शबाना से दूसरी शादी: 1970 में जावेद का दिल कैफी आजमी की बेटी और एक्ट्रेस शबाना आजमी पर आ गया। उनके अफेयर की खबर जब हनी को हुई तो घर में रोज झगड़े होने लगे। जावेद हनी को छोड़ना नहीं चाहते थे, लिहाजा हनी ने उनसे कहा कि वो शबाना के पास जाएं और बच्चों की चिंता ना करें। इसके बाद जावेद ने हनी से तलाक ले लिया। 6 साल के अफेयर के बाद 1984 में जावेद ने शबाना से शादी कर ली।
अवॉर्ड्स: बॉलीवुड में उनकी कला के लिए उन्हें साहित्य अकादमी, पद्मश्री, पद्मभूषण जैसे अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा है।
भोपाल से गहरा नाता: 2 मई 2019 को जावेद एक कार्यक्रम में भोपाल आए थे। यहां उन्होंने कई बातें शेयर कीं। कहा- भोपाल मेरे लिए एक शहर नहीं है, मैं जो भी कुछ हूं उसका बड़ा हिस्सा है। मेरा बाल-बाल भोपाल के कर्ज में बंधा है। मैं 16 साल का था, जब घर छोड़ दिया और 20 साल तक मुझे मेरे दोस्तों ने पाला। मेरा एक दोस्त मुश्ताक सिंह बड़ा धार्मिक था, उसके साथ मैंने ना जाने कितनी बार गुरुद्वारे का हलवा खाया। उसने मुझे अपना कड़ा दिया था, जो मैंने 1964 में पहना था और यह मेरी मौत तक मेरे हाथ में रहेगा।
मैं सैफिया कॉलेज से पढ़ा, लेकिन मैंने वहां कभी फीस नहीं दी। कॉलेज से लगी हुई एक मस्जिद थी, जिसमें मुझे एक कमरा दे दिया गया था, उसमें भी मैं फ्री रहा। इससे ज्यादा पास मस्जिद के मैं कभी नहीं गया। हालांकि, बाद में रेनोवेशन के समय वो कमरा तोड़ दिया गया। मेरी इस शहर से जुड़ी हुई बहुत सारी यादें हैं।