स्वर सरस्वती लता मंगेशकर भारत की शान हैं, जिन्हें दादा साहब फाल्के और भारत रत्न समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। हर कोई उनके ठीक होने की दुआ कर रहा था, लेकिन उन्होंने इस दुनिया से विदा ले ली। जानिए उनकी जिंदगी से जुड़ी कहानियां....
1. पिता के साथ कार्यक्रम: लता जी ने इस तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा था, ‘आज ही के दिन 9 सितंबर 1938 को सोलापुर के नूतन संगीत थियेटर में मैंने पहली बार मेरे पिताजी के साथ शास्त्रीय संगीत और नाट्यगीत का कार्यक्रम पेश किया था। जिसमें मैंने राग खंबावती गाया था। ये फोटो उसी कार्यक्रम के लिए खिंचवाई गई थी। मुझे आज भी याद है कि, मेरा गाना होने के बाद बाबा स्टेज पर आए और गाने बैठे, मैं वहीं बैठी हुई थी, बाबा गा रहे थे और मैं बाबा की गोद में सिर रखकर सो गई। कितनी मीठी यादें हैं।’
2. इंदिरा से जुड़ा किस्सा: लता जी से जुड़ा एक और दिलचस्प वाक्या पंडित जसराज की बेटी दुर्गा ने बताया, मैं अपने नाना वी. शांताराम के घर पर थी, जो लता जी के घर से लगा हुआ है। एक दिन लताजी के घर के सामने से प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का काफिला निकला तो मैंने देखा कि दीदी (लताजी) दौड़कर कैमरा लेकर बालकनी में खड़ी हो गईं और जल्दबाजी में फोटो लेने लगीं। तभी किसी ने इंदिरा जी को इशारे से बताया कि लता आपकी फोटो खींच रही हैं तो इंदिरा गांधी ने अपने काफिले की गति धीमी करवाई और दीदी का अभिवादन किया।
3. प्लेबैक सिंगिग की: लता जी ने गायिकी में कदम रखने से पहले फिल्मों में अभिनय भी किया। साथ ही प्लबैक सिंगिंग की। इसके बाद उन्हें साल 1947 में आई फिल्म 'आपकी सेवा में' में गाने का मौका मिला और यहां वह अपनी एक पहचान बनाने में कामयाब हुईं। फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
4. लता जी का अधूरा प्रेम: इस जीवन में हर किसी को कभी न कभी किसी न किसी से प्रेम जरूर हुआ होगा। लता मंगेशकर भी इससे अछूती नहीं रहीं। बॉलीवुड की कई फेमस लव स्टोरीज में से कुछ ऐसी भी है जो अधूरी ही रह गईं। लता मगेंशकर की लव स्टोरी भी उन्हीं में से एक है। लता मंगेशकर का नाम हमेशा से ही डूंगरपुर के घराने के महाराज राजसिंह से जोड़ा गया। लता जी और राज सिंह डूंगरपुर को क्रिकेट के खेल ने मिलाया। वैसे तो राजसिंह 1955 से ही राजस्थान रणजी टीम के लिए खेलते थे, मगर अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए 1959 में वह मुंबई आए। यहां लताजी के भाई हृदयनाथ से उनकी दोस्ती हो गई। वह अक्सर उनसे मिलने लता जी के घर जाते। दोनों कई बार क्रिकेट भी खेलते थे। तब ही लता जी और राजसिंह के मन में एक दूसरे के लिए प्यार का फूल खिला। मगर, जब बात शादी पर पहुंची तो राजसिंह डूंगरपुर को अपने माता-पिता को दिया वचन याद आया कि शादी वह उनके पसंद से ही करंगे। इस तरह लता मंगेशकर का पहला प्यार अधूरा रह गया और उन्होंने पूरा जीवन बिना शादी किए बिताया। हालांकि, एक इंटरव्यू में लता जी ने शादी नहीं करने की वजह अपने भाई-बहनों की परवरिश को बताया था।
5. 25 रुपए थी पहली कमाई: लता जी को पहली बार स्टेज पर गाने के लिए 25 रुपए मिले थे। इसे वह अपनी पहली कमाई मानती हैं। लताजी ने पहली बार 1942 में मराठी फिल्म 'किती हसाल' (कितना हसोगे?) के लिए गाना गाया।
6. पहला रेडियो परफॉर्मेंस: 16 दिसंबर 1941 को लता मंगेशकर ने रेडियो पर पहली बार गाया था। लता मंगेशकर ने उस समय दो नाट्यगीत गाए थे जिसे सुनकर उनके पिताजी काफी ज्यादा खुश हुए थे। उन्होंने लता जी की मां को बताया कि लता जी को रेडियो पर गाना गाते सुन अब वो निश्चिंत हैं और उन्हें किसी बात की चिंता नहीं है।
7. सफेद साड़ी पहनती थीं: लता जी जब भी स्टूडियो में जाती थीं, चप्पल बाहर उतार कर जाती थी। एक उम्र के बाद लता जी ने केवल सफेद साड़ी पहनी।
8. इन भाषाओं में गाने गाए: लता जी ने हिन्दी नहीं बल्कि अंग्रेजी, असमिया, बांग्ला, ब्रजभाषा, डोगरी, भोजपुरी, कोंकणी, कन्नड़, मगधी, मैथिली, मणिपुरी, मलयालम, हिंदी, सिंधी, तमिल, तेलुगू, उर्दू, मराठी, नेपाली, उडिया, पंजाबी,संस्कृत, सिंहली आदि भाषाओं में गाने गाए हैं।
9. आठ फिल्मों में एक्टिंग: लता जी ने 30 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं। इसके अलावा उन्होंने 8 फिल्मों में एक्टिंग भी की। लता मंगेशकर अपने घर में सबसे बड़ी थीं और इकलौती कमाने वाली सदस्य थीं।
10. दिलीप कुमार से रिश्ता: लता जी मशहूर अभिनेता दिलीप साहब को अपना भाई मानती थीं। लता जी ने जब गाने की शुरूआत की तो उनकी उर्दू ज्यादा अच्छी नहीं थी। दिलीप कुमार हमेशा उनकी गलतियां ढूंढकर उनकी उर्दू ठीक करवाते थे।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में 1974 से 1991 तक लता मंगेशकर का नाम दुनिया की सबसे ज्यादा गाने गाने वालीं सिंगर के तौर पर दर्ज है। कहा जाता है कि उन्होंने 1948 से 1974 तक करीब 25,000 एकल, युगल और कोरस के साथ गाने गाए थे। ये गाने 25 से ज्यादा अलग-अलग भाषाओं में गाए गए थे। 1991 में यह कैटेगरी हटा दी गई थी, लेकिन 2011 में वापस इंट्रोड्यूज की गई थी। हालांकि, 2011 में ही गिनीज ने आधिकारिक तौर से सूचित किया था कि लता की बहन आशा भोसले संगीत के इतिहास में सबसे ज्यादा गाने गाने वालीं आर्टिस्ट हैं।