सिनेमा में रोमांस को नए तरीके से पेश करने वाले यश की 90वीं बर्थ एनिवर्सरी, जब तक है जान थी आखिरी फिल्म 

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Pratibha Rana
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सिनेमा में रोमांस को नए तरीके से पेश करने वाले यश की 90वीं बर्थ एनिवर्सरी, जब तक है जान थी आखिरी फिल्म 

Mumbai. बॉलीवुड इंडस्ट्री में एक से बढ़कर एक रोमांटिक फिल्में देने वाले डायरेक्टर और प्रोडयूसर यश चोपड़ा की आज यानी 27 सितंबर को बर्थ एनिवर्सरी है। यश ने कई फिल्में डायरेक्ट की है। उन्होंने एक छोटे कमरे से अपना फिल्मी सफर शुरू किया था। यश चोपड़ा अपने समय के सबसे बड़े निर्देशकों में से एक रहे हैं। यश को किंग ऑफ रोमांस भी कहा जाता है। वह रोमांटिक फिल्में बनाने के लिए जाने जाते थे। उन्होंने हिंदी फिल्मों में खास एक्सपेरिमेंट किए, जिन्हें हमेशा याद रखा जाएगा।





रोमांस को नए तरीके से किया पेश





एक समय ऐसा भी था जब फिल्मों में प्यार को सिर्फ आंखों के इशारों या फिर दो फूलों के मिलने से दिखाया जाता था, लेकिन यश ने फिल्मों में नए तरीके से रोमांस को दिखाया। उन्होंने एक्टर और एक्ट्रेस को सरसों के खेत से लेकर विदेशों की शानदार लोकेशन्स तक पर रोमांस करवाया है। इसके बाद सभी फिल्मों में यही ट्रेड चल पड़ा। 





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जब तक है जान थी आखिरी फिल्म 





बतौर निर्देशक यश चोपड़ा ने सिनेमा में अपने करियर की शुरूआत साल 1959 में अपने भाई के बैनर तले बनी फिल्म धूल का फूल से की थी। यश ने कई फिल्में डायरेक्ट की है। इसमें काला पत्थर,परम्परा, लम्हे,त्रिशूल,डर, वीर जारा, दाग, जोशीले, दीवार, दिल तो पागल है, चांदनी, विजय, वक्त, धर्मपुत्र, धूल का फूल,सिलसिला समेत कई अन्य फिल्में शामिल है। उनकी आखिरी फिल्म 'जब तक है जान' थी। इस फिल्म में शाहरुख खान, कटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा नजर आए थे। उनकी ये सारी फिल्में सुपरहिट साबित हुई थी। जबकि उनकी नाखुदा, सवाल, फासले, मशाल, विजय जैसी कई फिल्में बॉक्स आफिस पर फ्लॉप हो गई थी। 





कई अवार्ड से सम्मानित किए जा चुके हैं यश 





यश को दादा साहेब फाल्के, पद्म भूषण, 7 नेशनल अवॉर्ड, 12 फिल्मफेयर समेत कई अन्य बड़े अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका हैं।  यश का निधन 21 अक्टूबर 2012 को मुंबई के लीलावती अस्पताल में हुआ था।



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