MUMBAI. बॉलीवुड में 70 के दशक के बेस्ट एक्टर कहलाने वाले अमोल पालेकर ने हाल ही में एक इंटरव्यू में फिल्म इंडस्ट्री की तुलना साउथ फिल्मों से की। उन्होंने कहा कि 70 के दशक में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से ज्यादा साउथ वाले ज्यादा प्रोफेशनल थे। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में सिर्फ तीन ही ऐसे एक्टर थे जो समय से सेट पर पहुंच जाते थे। इसमें पहले नंबर पर देव आनंद साहब, दूसरे पर अमिताभ बच्चन और तीसरे पर अमोल ने खुद का नाम लिया। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एक धारणा बन गई थीं कि जो स्टार जितना बड़ा होगा, सेट पर वो उतना ही लेट आएगा। हालांकि साउथ इंडस्ट्री में ऐसा नहीं था। रजनीकांत जैसे स्टार्स अपने तय समय से पहले सेट पर आ जाते थे।
अमिताभ से भी पहले सेट पर मौजूद होते थे रजनीकांत
राजश्री अनप्लग्ड से बात करते हुए अमोल पालेकर ने कहा- हमारे समय में केवल तीन ही ऐसे एक्टर थे, जो समय से आते थे। सबसे पहले देव आनंद, अगर उन्हें 9 बजे आना हो तो वो 9 बजे तक किसी भी हाल में पहुंच जाते थे। दूसरे पर थे अमिताभ बच्चन और तीसरे नंबर पर मैं खुद था। मैं इन तीनों में सबसे जूनियर था। एक बार मैं, अमिताभ बच्चन और रजनीकांत के साथ एक ही स्टूडियो में शूटिंग कर रहा था। मैंने देखा कि वहां रजनीकांत, अमिताभ से पहले आ जाते थे।
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स्पॉटबॉय के साथ चाय पीते थे रजनीकांत
अमोल ने आगे कहा- रजनीकांत सबसे पहले सेट में पहुंचकर मेकअप वगैरह लगाकर तैयार हो जाते थे। उसके बाद वो वहां मौजूद मेकअप आर्टिस्ट और स्पॉटबॉय के साथ बैठ कर चाय पिया करते थे। अगर शिफ्ट 9 बजे की होती थी तो वो उसी वक्त जाकर डायरेक्टर से कहते कि हां सर, मैं तैयार हूं। यहां हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एक फैशन था कि जो स्टार जितना बड़ा होगा वो उतना ही लेट सेट पर आएगा। ये मुझे बेहद अनप्रोफेशनल लगता था।
बॉलीवुड इंडस्ट्री में दिखावा ज्यादा
अमोल का मानना है कि उन्होंने कई जगह काम किया लेकिन साउथ इंडस्ट्री मे जो माहौल है, वो शायद कहीं नहीं है। उन्होंने कहा-मैं बता नहीं सकता कि साउथ इंडस्ट्री वाले कितने सिस्टमैटिक हैं। हमारे यहां तामझाम ज्यादा है। वहां ये सब नहीं चलता, वे काफी विनम्र होते हैं। वहां के लोग काफी अच्छे हैं, मुझे वहां काम करके काफी मजा आया। चूंकि अब ये बात मानते हैं कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में लोगों के अंदर काफी बदलाव आ गया है। अब जो नए एक्टर्स आ रहे हैं उन्हें समय का महत्व पता है। वो अपने काम पर समय से पहुंच जाते हैं।
शाहरुख की फिल्म की डायरेक्ट
1971 में अपने करियर की शुरुआत करने वाले अमोल पालेकर ने बॉलीवुड में करीब डेढ़ दशक तक काम किया। उनके करियर की मेजर हाइलाइट 'गोलमाल' और 'छोटी सी बात' जैसी फिल्में रही। इन दोनों फिल्मों ने उन्हें काफी लोकप्रियता मिली। गोलमाल के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड से भी नवाजा गया। उन्होंने शाहरुख खान और रानी मुखर्जी स्टारर फिल्म 'पहेली' का डायरेक्शन किया था।