Mumbai. हाल ही में कन्नड़ एक्टर किच्चा सुदीप (Kicha Sudeep) ने हिंदी भाषा पर एक बयान दिया था। उनका ये बयान अब बहुत बड़े विवाद में बदल गया है। सुदीप ने कहा था कि हिंदी अब राष्ट्रभाषा नहीं रही और बॉलीवुड पैन इंडिया फिल्में बना रहा है। हालांकि किच्चा के इस बयान पर अजय देवगन (Ajay Devgn) ने सख्त लहजे में कहा था कि हिंदी राष्ट्रभाषा थी, है और हमेशा रहेगी। ये विवाद यही खत्म नहीं हुआ। अब इस विवाद में कर्नाटक (Karnataka) के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी (HD Kumaraswamy) भी आ गए। कुमारस्वामी ने विवाद पर एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने अजय के व्यवहार को हास्यास्पद बताया। इसके साथ ही कर्नाटक में पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष सिद्धारमैया ने भी अजय के बयान पर पलटवार किया है।
‘कन्नड़ सिनेमा, हिंदी फिल्मों पर भारी’
कुमारस्वामी ने ट्वीट किया- अजय को ये बात समझनी चाहिए कि कन्नड़ सिनेमा हिंदी फिल्म इंडस्ट्री (Hindi film industry) को पीछे छोड़ रहा है। अजय को ये बात नहीं भूलनी चाहिए की कि उनकी पहली मूवी फूल और कांटे बेंगलुरु में करीब एक साल तक चली थी। किच्चा जो कह रहे है कि हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं है, ये बात बिल्कुल सही है और अजय को उनके बयान में कोई गलती ढूंढने की जरूरत नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष सिद्धारमैया ने ट्वीट किया- 'हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा कभी नहीं थी और ना कभी होगी। हमारे देश की भाषा की विविधता का सम्मान करना प्रत्येक भारतीय का फर्ज है। हर भाषा की अपनी हिस्ट्री होती है, जिस पर लोगों को गर्व महसूस होता है और मुझे कन्नड़ होने पर गर्व है।'
फिल्म मेकर रामगोपाल वर्मा का ट्वीट
वहीं, फिल्म मेकर रामगोपाल वर्मा (Ramgopal Varma) ने कहा- 'किच्चा सुदीप सर, इस सच को इग्नोर नहीं किया जा सकता है कि नॉर्थ स्टार्स, साउथ के स्टार्स के सामने असुरक्षित हैं, क्योंकि एक कन्नड़ डबिंग फिल्म KGF2 ने पहले दिन ही 50 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया है। आने वाले दिनो में हिंदी फिल्मों के ओपनिंग डे के बिजनेस को देख ही लेंगे।'
अजय ने ये लिखा था
अजय देवगन ने एक पोस्ट शेयर कर लिखा, 'किच्चा सुदीप मेरे भाई, आपके अनुसार अगर हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं है तो आप अपनी मातृभाषा की फिल्मों को हिंदी में डब करके क्यूं रिलीज करते हैं? हिंदी हमारी मातृभाषा और राष्ट्रीय भाषा थी, है और हमेशा रहेगी। जन गण मन।'
हालांकि अजय की पोस्ट पर किच्चा ने कमेंट कर सफाई देते हुए लिखा, 'सर, जिस कॉन्टेक्स्ट में मैंने वह बात कही, उस कॉन्टेक्स्ट में मेरी बात को ना समझकर, उस बात को बहुत अलग तरीके से लिया गया है। उन्होंने लिखा कि मेरा कहने का ये अर्थ बिल्कुल भी नहीं था कि मैं किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाऊं, उत्तेजित करूं या फिर किसी विवाद को बढ़ावा दूं। मैं ऐसा क्यों करूंगा सर।