MUMBAI. एक्टर, डायरेक्टर और कॉमेडी के किंग भगवान दादा की आज (1 अगस्त) को 110वीं बर्थ एनिवर्सरी है। भगवान दादा आज भी लोगों के बीच काफी पॉपुलर हैं। दादा का जन्म 1 अगस्त 1913 को हुआ था। बहुत कम लोग जानते होंगे कि उनका पूरा नाम भगवान आभाजी पालव था। दादा को बचपन से ही एक्टिंग का बहुत शौक था। लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से वह अपनी पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पाए थे। दादा ने चौथी क्लास तक ही पढ़ाई की है। परिवार की मदद करने के लिए वह भी कपड़े की मिल में मजदूरी करने लगे थे।
48 फिल्में बनाई, 300 फिल्मों में एक्टिंग
भगवान दादा ने अपने फिल्मी करियर में 48 फिल्में बनाई थी। जबकि 300 फिल्मों में एक्टिंग की थी। उनकी पहली बोलती फिल्म 1934 में आई हिम्मत-ए-मर्दा थी। शोला जो भड़के’ और ‘ओ बेटा जी, ओ बाबू जी’ जैसे हिट गाने उन्हीं पर फिल्माए गए हैं। इसके बाद उन्होंने एक से बढ़कर एक कई फिल्में की थी। फिल्म अलबेला उनकी सबसे हिट फिल्मों में से एक है। इस फिल्म के गाने 'शोला जो भड़के' और 'भोली सूरत दिल के खोटे' काफी मशहूर हुए थे। इस फिल्म ने उनकी किस्मत बदल दी थी।
दादा ने ललिता पवार को मार दिया था जोरदार थप्पड़
दादा और ललिता पवार ने 1942 में एक फिल्म की थी। फिल्म का नाम जंग-ए-आजादी था। इस फिल्म में ललिता के साथ एक बड़ा हादसा हो गया था। दरअसल फिल्म का एक सीन शूट होना था। इसमें भगवान दादा ने ललिता को थप्पड़ मारना था। लेकिन उन्होंने इतनी जोर से मार दिया कि ललिता को बहुत चोट लग गई। वह 2 दिन तक कोमा में रहीं थी। ललिता का पूरा चहरा बिगड़ गया था।