Mumbai. हम दिल दे चुके सनम, लगान, देवदास, जोधा अकबर और प्रेम रतन धन पायो जैसी फिल्मों के सेट डिजाइन करने वाले जानेमाने आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई ने आत्महत्या कर ली। नितिन के मैनेजर ने जानकारी दी कि मुंबई के नजदीक कर्जत में अपने एनडी स्टूडियो में 58 साल के देसाई ने मंगलवार (1 अगस्त) रात 3.30 बजे फांसी लगा ली। सूचना पर पहुंची पुलिस को शव पंखे से लटका मिला। मामले में पुलिस ने 10 लोगों का बयान दर्ज किए हैं। बताया जाता है कि माली हालत काफी खराब होने से देसाई अपने कर्मचारियों को पिछले सात महीने से सैलेरी नहीं दे सके थे। इससे वो डिप्रेशन में थे। मामले में पुलिस जांच कर रही है।
10 बजे कमरे में गए और...
देसाई अपना ज्यादातर वक्त स्टूडियो में ही बिताते थे। मंगलवार (1 अगस्त) रात 10 बजे वे अपने कमरे में चले गए थे। बुधवार (2 अगस्त) सुबह काफी देर तक वो बाहर नहीं आए तो उनके बॉडी गार्ड और स्टाफ ने दरवाजा खटखटाया। खिड़की से देखा तो देसाई का शव पंखे से झूल रहा था। खालापुर पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मामले में पुलिस स्टाफ और केस से जुड़े लोगों से पूछताछ की जा रही है।
आत्महत्या की दो वजहें आ रहीं सामने
पुलिस जांच में जुट गई है। देसाई की आत्महत्या की दो वजहें सामने आ रही हैं। एक आर्थिक तंगी, दूसरी स्वास्थ्य की समस्या। हालांकि, अब तक इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। महाराष्ट्र के विधायक महेश बाल्दी ने पत्रकारों को जानकारी दी है कि देसाई आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। आत्महत्या की यह वजह हो सकती है। पुलिस जांच के बाद ही सही वजह सामने आ सकेगी। हालांकि बताया जा रहा है कि बेटी की शादी के बाद देसाई बीमार ज्यादा रहने लगे थे। इलाज के आर्थिक तंगी के चलते वे ठीक से इलाज भी नहीं करा पा रहे थे। उनके परिवार में दो बेटी और एक बेटा है। दोनों बेटी अमेरिका में रहती हैं। बेटा अभी पढ़ाई कर रहा है।
स्टाफ को सात महीने से नहीं दी सैलरी
महाराष्ट्र के विधायक महेश बाल्दी के अनुसार, देसाई कई समय से आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। स्टूडियो के स्टाफ ने मीडियो को जानकारी दी कि देसाई ने कर्मचारियों को सात महीने से सैलरी नहीं दी थी। खर्च के लिए थोड़े-थोड़े पैसे दे रहे थे। स्टूडियो मैनेजर समेत ज्यादातर स्टाफ ने नौकरी छोड़ दी थी। इससे लगातार उनका काम प्रभावित हो रहा था। उनके कई पैमेंट भी अटक गए थे।
1987 में मिला पहला प्रोजेक्ट, सेट पर लगातार 13 दिन 24 घंटे काम किया
जानकारी अनुसार, नितिन देसाई ने वर्ष 1987 में एक टीवी शो 'तमस’ से करियर शुरू किया था। उस समय उन्होंने 13 दिन और 13 रात उसी सेट पर काम किया। एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में देसाई ने कहा था कि उस वक्त अगर 15 मिनट नहाने भी जाता तो लगता था कि वह अपने 15 मिनट बर्बाद कर रहे हैं। उनके ऐसे जुनून के चलते ही वे प्रसिद्ध हुए।
चार बार बेस्ट आर्ट डायरेक्शन का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार
वैसे तो नितिन ने कई फिल्मों का आर्ट डायरेक्शन किया। उनकी प्रसिद्धी फिल्म हम दिल दे चुके सनम, लगान, देवदास, जोधा अकबर और प्रेम रतन धन पायो जैसी फिल्मों के सेट डिजाइन के माध्यम से मिली। देसाई को चार बार बेस्ट आर्ट डायरेक्शन का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। आखिरी बार उन्होंने फिल्म पानीपत के लिए काम किया था। इसके बाद से उन्हें काम बहुत कम मिल रहा था।
कई बड़ी फिल्मों की शूटिंग एनडी स्टूडियो में हुई
देसाई के एनडी स्टूडियो में सबसे पहले आमिर खान की फिल्म 'मंगल पांडे-द राइजिंग' की शूटिंग हुई थी। फिर मधुर भंडारकर की 'ट्रैफिक सिग्नल' और आशुतोष गोवारिकर की 'जोधा अकबर' शूट हुई। इस फिल्म के लिए ऐश्वर्या राय, ऋतिक रोशन छह महीने तक सेट पर रहे थे। सलमान खान की हर बड़ी फिल्में वांटेड, बॉडीगार्ड, प्रेम रतन धन पायो, किक, सब यहीं शूट हुई हैं।
‘प्रेम रतन धन पायो’ के लिए बनाया था एक करोड़ का ‘शीशमहल’
नितिन ने बताया था, सलमान को नेचर के करीब रहकर शूट करना बहुत अच्छा लगता है, इसलिए वो ये स्टूडियो चुनते हैं। 'प्रेम रतन धन पायो' के लिए वे 90 दिन तक सेट पर रहे थे। इस फिल्म के लिए हमने एक करोड़ ग्लास का शीशमहल बनाया था। जब भी सलमान यहां आते हैं ज्यादातर बिना सिक्योरिटी के स्कूटी से घूमते हैं।
एडवर्टाइजिंग एजेंसी ने देसाई पर लगाया था धोखाधड़ी का आरोप
मई 2023 में मुंबई की एक एडवर्टाइजिंग एजेंसी ने नितिन देसाई पर 51.7 लाख रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। एजेंसी ने कहा था कि 3 महीने तक काम करवाने के बावजूद देसाई ने पैसा नहीं दिया था। हालांकि, नितिन ने इन आरोपों का खंडन किया था।