मुंबई. कपूर खानदान के मोस्ट हैंडसम मैन रहे दिवंगत ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) का 4 सितंबर को 69वां जन्मदिन है। 1973 में बॉबी से उनके करियर की शुरुआत हुई थी। इस फिल्म के लिए ऋषि को फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला था। ऋषि ने अपनी किताब खुल्लमखुल्ला में इस बात का खुलासा किया था कि उन्होंने ये फिल्म फेयर 30 हजार रुपए देकर खरीदा था। ऋषि ने एक बार कहा था कि मेरे पिता (राज कपूर) हमेशा कहते थे कि मैंने इस लड़के को ब्रेक दिया, अब सब कुछ इसे खुद ही करना है। ये उठेगा, ऐसे ही ये अपनी जिंदगी को समझेगा। ऋषि कपूर ने यह भी बताया था कि पापा कहते थे कि तुम्हारा पिता हूं सेक्रेटरी नहीं। ऋषि का पिछले साल 30 अप्रैल को निधन हो गया था।
रणबीर को सिखाया खुद निर्णय लेना
ऋषि कपूर ने जो अपने पिता से सीखा, वही बेटे रणबीर (Ranbir Kapoor) को सिखाया। उन्होंने बताया था कि मैं पूरे फिल्म जगत को जानता हूं, ज्यादातर लोगों के साथ मैंने काम किया है। लेकिन मैं उनसे(रणबीर) हमेशा यही कहा कि मैं पिता हूं सेक्रेटरी नहीं। उसे अपने निर्णय खुद लेने आने चाहिए। अगर मैं उसकी जगह होता तो मैं उसे कभी बर्फी जैसी फिल्म नहीं करने देता, जिसमें न वो बोल सकता है न सुन सकता है। ऐसी फिल्में कौन देखता है? इसके अलावा वेक अप सिड, रॉकस्टार, और रॉकेट सिंह जैसी फिल्में भी ना करने देता।
ऋषि की आखिरी फिल्म अटकी
ऋषि की आखिरी फिल्म ‘शर्माजी नमकीन’ जिसकी शूटिंग उनके निधन के कारण बाकी रह गई थी। ऋषि के निधन के बाद भी मेकर्स ने तय किया कि फिल्म बंद नहीं करेंगे। ऋषि के बाकी हिस्से को परेश रावल से शूट करवाया गया और फिल्म कम्प्लीट कर दी गई। फिल्म में महत्वपूर्ण किरदार निभा रहीं एक्ट्रेस जूही चावला ने पिछले महीने अनाउंस किया था कि 4 सितंबर को ऋषि कपूर को श्रद्धांजलि के रूप में फिल्म रिलीज की जाएगी, मगर महाराष्ट्र में अभी भी मल्टीप्लेक्स और थिएटर खुलने को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया। इस कारण फिल्म के रिलीज को फिलहाल टाल दिया गया।
जिंदा रहते ऋषि की आखिरी फिल्म 'द बॉडी'
ऋषि कपूर के जिंदा रहते रिलीज होने वाली आखिरी फिल्म ‘द बॉडी’ थी। यह फिल्म 13 दिसंबर 2019 को रिलीज हुई थी। इसमें ऋषि के साथ इमरान हाशमी, वेदिका और शोभिता धूलिपाला ने काम किया था। सुनीर खेत्रपाल इसके प्रोड्यूसर थे। जीतू जोसेफ ने यह फिल्म डायरेक्ट की थी।
ऋषि कपूर की एवरग्रीन मूवीज
बॉबी (1973), इस फिल्म से ऋषि ने करियर की शुरुआत की। इस फिल्म का गाना आज भी सबके जहन में गूंजता है, 'मैं शायर तो नहीं'। इसके अलावा ऋषि की लैला मजनूं (1976), अमर अकबर एंथोनी (1977), कर्ज (1980), प्रेम रोग(1982), नगीना (1986), चांदनी (1989), दीवाना(1992), बोल राधे बोल (1992) जैसी कई सुपर हिट फिल्में आईं।