LUCKNOW. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आदिपुरुष पर टिप्पणी की है। लखनऊ बेंच ने कहा कि ऐसी फिल्म को सेंसर बोर्ड ने पास कैसे कर दिया। फिल्म को पास कर देना एक ब्लंडर है। अगर आप कुरान पर एक छोटी सी डॉक्यूमेंट्री भी बना दें, जिसमें गलत चीजों को दर्शाया गया हो तो आपको पता चल जाएगा कि क्या हो सकता है।
आदिपुरुष के आपत्तिजनक डायलॉग मामले में सुनवाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में आदिपुरुष के आपत्तिजनक डायलॉग के मामले में लगातार तीसरे दिन सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने कहा कि जिस रामायण के किरदारों की पूजा की जाती है, उसे एक मजाक की तरह कैसे दिखा दिया गया। ऐसी फिल्म को सेंसर बोर्ड ने पास कैसे कर दिया। फिल्म को पास कर देना एक ब्लंडर है। फिल्म मेकर्स को तो सिर्फ पैसे कमाने हैं क्योंकि पिक्चर हिट हो जाती है।
'कुरान पर छोटी-सी डॉक्यूमेंट्री बना दें, फिर देखिए क्या होता है'
लखनऊ बेंच ने कहा कि अगर आप कुरान पर एक छोटी सी डॉक्यूमेंट्री भी बना दें, जिसमें गलत चीजों को दर्शाया गया हो तो आपको पता चल जाएगा कि क्या हो सकता है। आपको कुरान, बाइबिल को भी नहीं छूना चाहिए। जस्टिस ने कहा कि मैं ये क्लियर कर दूं कि किसी एक धर्म को भी टच ना करिए। आप किसी धर्म के बारे में गलत तरह से मत दिखाएं। कोर्ट किसी धर्म को नहीं मानता। कोर्ट सभी लोगों की भावनाओं की कद्र करता है। ये सिर्फ मामले से जुड़ी मौखिक टिप्पणियां हैं। अभी देखना शाम तक ये भी छप जाएगा।
पढ़िए सुनवाई के दौरान हुई बातचीत
- बेंच - ये मसला बहुत सेंसिटिव है, मैं जानना चाहता हूं कि डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया (Dy. SGI) का इस पर क्या कहना है।
Dy. SGI - फिल्म को सर्टिफिकेट भारत सरकार द्वारा नामित 5 सदस्यों की टीम ने दिया था। कुल 25 सदस्यों ने फिल्म देखी भी थी।
बेंच - भारत सरकार को इस मसले में क्या नहीं करना है, क्या आप इसे डिफेंड कर रहे हैं। प्रोड्यूसर को तो आना ही पड़ेगा।
Dy. SGI - पिटिशनर ने इधर-उधर से क्लिप लेकर केस फाइल किया है।
बेंच - वो क्लिप क्या फिल्म से जुड़े नहीं हैं? हमने फिल्म तो नहीं देखी, लेकिन जिन लोगों ने फिल्म देखी, उनका कहना है कि ये फिल्म हमारी सोच से भी ज्यादा घटिया है। मसला ये है कि रामायण के किरदारों को फिल्म में ऐसा क्यों दिखाया गया है?
Dy. SGI - फिल्म को एक्सपर्ट ने देखा है, उसके बाद ही उन्होंने इसे सर्टिफाई किया है।
बेंच - क्या सेंसर बोर्ड जो सर्टिफिटेट इश्यू करता है, उसे रद्द नहीं किया जा सकता? फिल्म 16 जून को रिलीज हुई, तो अब तक कुछ नहीं हुआ तो 3 दिन में क्या होगा। जो होना था वो हो चुका और ये अच्छा है कि कुछ नहीं हुआ। मैंने कुछ लोगों से पूछा, वे फिल्म देखने के बाद काफी ज्यादा आहत थे। अगर आज हम चुप हो गए तो पता है क्या होगा। ये सब बढ़ रहा है। कोर्ट ने यहां बिना नाम लिए आमिर खान की फिल्म पीके का जिक्र किया। बेंच ने कहा कि एक मूवी में मैंने देखा कि भगवान शंकर जी त्रिशूल लेकर भाग रहे हैं। फनी तरीके से...अब यही सब होगा ?
ये खबर भी पढ़िए..
भोजपुरी स्टार रवि किशन की बेटी सेना में शामिल होंगी, अग्निपथ योजना के तहत डिफेंस ज्वाइन करेंगी
कल कोर्ट ने कहा था- शुक्र है उन्होंने कानून नहीं तोड़ा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा था कि हिंदुओं की सहनशीलता की परीक्षा क्यों ली जाती है? शुक्र है उन्होंने (हिंदुओं ने) कानून नहीं तोड़ा। जो सज्जन हैं उन्हें दबा देना सही है क्या ? ये तो अच्छा है कि यह एक ऐसे धर्म के बारे में है, जिसके मानने वालों ने कोई पब्लिक ऑर्डर प्रॉब्लम क्रिएट नहीं की। हमें उनका आभारी होना चाहिए। हमने न्यूज में देखा कि कुछ लोग सिनेमा हॉल (जहां फिल्म प्रदर्शित हो रही थी) गए थे और उन्होंने वहां जाकर लोगों को सिर्फ हॉल बंद करने के लिए मजबूर किया, वे कुछ और भी कर सकते थे।
आदिपुरुष पर हाईकोर्ट की टिप्पणी, फिल्म को पास करना ब्लंडर, कुरान पर ऐसी छोटी-सी डॉक्यूमेंट्री बनाइए, फिर देखिए क्या होता है
LUCKNOW. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आदिपुरुष पर टिप्पणी की है। लखनऊ बेंच ने कहा कि ऐसी फिल्म को सेंसर बोर्ड ने पास कैसे कर दिया। फिल्म को पास कर देना एक ब्लंडर है। अगर आप कुरान पर एक छोटी सी डॉक्यूमेंट्री भी बना दें, जिसमें गलत चीजों को दर्शाया गया हो तो आपको पता चल जाएगा कि क्या हो सकता है।
आदिपुरुष के आपत्तिजनक डायलॉग मामले में सुनवाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में आदिपुरुष के आपत्तिजनक डायलॉग के मामले में लगातार तीसरे दिन सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने कहा कि जिस रामायण के किरदारों की पूजा की जाती है, उसे एक मजाक की तरह कैसे दिखा दिया गया। ऐसी फिल्म को सेंसर बोर्ड ने पास कैसे कर दिया। फिल्म को पास कर देना एक ब्लंडर है। फिल्म मेकर्स को तो सिर्फ पैसे कमाने हैं क्योंकि पिक्चर हिट हो जाती है।
'कुरान पर छोटी-सी डॉक्यूमेंट्री बना दें, फिर देखिए क्या होता है'
लखनऊ बेंच ने कहा कि अगर आप कुरान पर एक छोटी सी डॉक्यूमेंट्री भी बना दें, जिसमें गलत चीजों को दर्शाया गया हो तो आपको पता चल जाएगा कि क्या हो सकता है। आपको कुरान, बाइबिल को भी नहीं छूना चाहिए। जस्टिस ने कहा कि मैं ये क्लियर कर दूं कि किसी एक धर्म को भी टच ना करिए। आप किसी धर्म के बारे में गलत तरह से मत दिखाएं। कोर्ट किसी धर्म को नहीं मानता। कोर्ट सभी लोगों की भावनाओं की कद्र करता है। ये सिर्फ मामले से जुड़ी मौखिक टिप्पणियां हैं। अभी देखना शाम तक ये भी छप जाएगा।
पढ़िए सुनवाई के दौरान हुई बातचीत
ये खबर भी पढ़िए..
भोजपुरी स्टार रवि किशन की बेटी सेना में शामिल होंगी, अग्निपथ योजना के तहत डिफेंस ज्वाइन करेंगी
कल कोर्ट ने कहा था- शुक्र है उन्होंने कानून नहीं तोड़ा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा था कि हिंदुओं की सहनशीलता की परीक्षा क्यों ली जाती है? शुक्र है उन्होंने (हिंदुओं ने) कानून नहीं तोड़ा। जो सज्जन हैं उन्हें दबा देना सही है क्या ? ये तो अच्छा है कि यह एक ऐसे धर्म के बारे में है, जिसके मानने वालों ने कोई पब्लिक ऑर्डर प्रॉब्लम क्रिएट नहीं की। हमें उनका आभारी होना चाहिए। हमने न्यूज में देखा कि कुछ लोग सिनेमा हॉल (जहां फिल्म प्रदर्शित हो रही थी) गए थे और उन्होंने वहां जाकर लोगों को सिर्फ हॉल बंद करने के लिए मजबूर किया, वे कुछ और भी कर सकते थे।