गायक किशोर दा की पुण्यतिथि पर हर साल की भांति इस साल भी मध्य प्रदेश सरकार शासन द्वारा अलंकरण समारोह ( investiture ceremony ) का आयोजन किया गया। इसी के साथ निर्माता निर्देशक राजकुमार हिरानी को इस साल राष्ट्रीय किशोर कुमार अलंकरण से सम्मानित किया गया। इस दौरान गायक नीरज श्रीधर ने गीतों के जरिए किशोर दा को श्रद्धांजलि दी।
राजकुमार हिरानी ने क्या कहा
कार्यक्रम में बोलते हुए राजकुमार हिरानी ने कहा कि वे हमेशा सोचते थे कि किशोर दा की जन्मभूमि कैसी होगी, जिसके चलते वे उनके नाम का सम्मान लेने के लिए यहां आये हैं। इसी के साथ हिरानी ने कहा कि आज से 37 साल पहले वे किशोर दा के मुंबई वाले बंगले के सामने खड़े थे कि उन्हें एक बार अंतिम दर्शन हो जाए। जब मुझे किसी ने अंदर जाने नहीं दिया लेकिन आज ऐसा लग रहा है कि किशोर दा ने अपने रियल घर में बुला लिया है।
किशोर दा को लगाया भोग
यहां खंडवा के साथ ही देशभर से आये किशोर दा प्रेमियों ने उन्हें दूध जलेबी का भोग लगाकर गीतों के माध्यम से स्वरांजलि दी। इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश शासन के मंत्री डॉ कुंवर विजय शाह सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
किशोर दा ने इस गाने से किया डेब्यू
किशोर कुमार ने अपने म्यूजिक करियर में लगभग सभी भाषाओं को मिलाकर 1500 से ज्यादा गाने गाए थे, उनकी खास बात यह है कि किशोर दा ने कभी भी संगीत की कोई ट्रेनिंग नहीं ली थी, उन्होंने साल 1946 में फिल्म शिकारी से अपना म्यूजिक डेब्यू किया था, उन्हें यह मौका अपने बड़े भाई अशोक कुमार की वजह से मिला था।
किशोर दा के खास गाने
- दिलबर मेरे
- मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू
- नीले नीले अंबर पर चांद जब आए
- गाता रहे मेरा दिल, तू ही मेरी मंज़िल
- पल पल दिल के पास
- मेरे महबूब कयामत होगी
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