आर्यन ड्रग केस में एक्टर शाहरुख खान की परवरिश पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद बरेली के तंजीम उलेमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने शाहरुख की परवरिश पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अगर बेटे को कुछ दिन मदरसे में भेजा होता तो उसे इस्लाम के नियमों के बारे में पता होता, तो ये दिन नहीं देखने पड़ते।
शाहरुख को दी नसीहत
मौलाना का कहना है, “शाहरुख खान ने अगर अपने बेटे को कुछ दिन मदरसे में शिक्षा दिलाई होती तो उसे इस्लाम के नियमों के बारे में पता होता। इस धर्म में किसी भी तरह का नशा करना हराम है।”
उन्होंने आगे ये भी कहा कि फिल्म इंडस्ट्री के लोग इस्लाम के नियमों को नहीं जानते। इस्लाम में ये भी कहा गया है कि अगर बच्चा गलत संगत में पड़ जाए तो मां-बाप उसे प्यार से समझाकर सही रास्ते पर लाने की कोशिश करें। शाहरुख खान अगर खुद मदरसे में कुछ दिन पढ़े होते तो उन्हें ये बात पता होती। शाहरुख को मदरसा नहीं मिला था तो घर के पास किसी मस्जिद के इमाम से धार्मिक पढ़ाई कर लेते।
जमानत पर 20 अक्टूबर को फैसला
इन दिनों शाहरुख के बेटे आर्यन मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में हैं। मुंबई की स्पेशल NDPS कोर्ट ने गुरुवार, 14 अक्टूबर को आर्यन की जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी। आर्यन के साथ अरबाज मर्चेंट, मुनमुन धमीचा सहित अन्य आरोपियों को जेल में ही रहना होगा। जेल में आर्यन को कैदी नंबर 956 का बैच मिला है।