MUMBAI. हॉलीवुड फिल्म 'ओपेनहाइमर' जब से सिनेमाघरों में रिलीज हुई है तब से छाई हुई है। ओपनिंग डे से ही फिल्म की दमदार कमाई जारी है। ओपेनहाइमर को दुनिया भर से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है। इस फिल्म ने भारतीय बॉक्स पर सिर्फ तीन दिन में लगभग 50 करोड़ रुपए का कलेक्शन कर लिया है। इसके अलावा फिल्म दुनियाभर में भी शानदार कलेक्शन कर रही है। क्रिस्टोफर नोलान के निर्देशन में बनी फिल्म ओपेनहाइमर में सिलियन मर्फी ने फिजिसिस्ट जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर का रोल प्ले किया है।
इंडिया में ओपेनहाइमर ने 50 करोड़ का आंकड़ा किया पार
क्रिस्टोफर नोलन की फिल्म 'ओपेनहाइमर' 21 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इंडियन बॉक्स ऑफिस पर फिल्म ने पहले दिन (21 जुलाई) 14 करोड़ 5 लाख रुपए का बिजनेस किया था। दूसरे दिन ( 22 जुलाई) फिल्म ने 17 करोड़ 25 लाख रुपए तीसरे दिन ( 23 जुलाई) भी फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पिछले दिन जितना ही रहा है और इसने 17 करोड़ 25 लाख रुपए का कलेक्शन किया है। जबकि फिल्म ने वर्ल्डवाइड तीन दिन में ही 800 करोड़ की कमाई की है। फिल्म की इस कमाई को देखकर उम्मीद लगाई जा रही है कि ये फिल्म जल्द ही 1000 करोड़ के क्लब में शामिल हो जाएगी।
ओपेनहाइमर की असली कहानी
फिल्म 'ओपेनहाइमर', 'अमेरिकन प्रोमेथियस' नाम की एक किताब पर आधारित है। ये किताब जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर की बायोपिक है। रॉबर्ट ओपेनहाइमर एक भौतिक विज्ञानी थे, उन्होंने अमेरिका और जर्मनी के बीच हुए द्वितीय विश्वयुद्ध में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे मूल रूप से जर्मन यहूदी थे लेकिन विश्वयुद्ध में अमेरिका से साथ खड़े थे। उन्होंने अमेरिका आकर 'मैनहट्टन प्रोजेक्ट' नाम के मिशन का नेतृत्व किया था, जिसका उद्देश्य था जर्मनी को मात देने के लिए परमाणु बम बनाना। जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर को साहित्य में दिलचस्पी थी और ये रुचि उन्हें भगवद गीता तक लेकर गई। वो इसे बिना अनुवाद किए पढ़ना चाहते थे और इसलिए ओपेनहाइमर ने संस्कृत सीखी। उन्होंने जब अपने बनाए परमाणु बम का पहला टेस्ट 1945 में किया था और इस तब जाकर उन्हें इससे होने वाली तबाही का एहसास हुआ। इस टेस्ट को अंजाम देखकर ओपेनहाइमर को भगवद गीता का एक श्लोक याद आ गाया था। उन्होंने कहा 'मैं मृत्यु बन गया हूं'। ये बात महाभारत युद्ध के दौरान कृष्ण भगवान ने कही थी।