Mumbai. फिल्म शोले (Sholay)में गब्बर सिंह (Gabbar Singh)के रोल में नजर आने वाले अमजद खान (Amjad Khan) की आज 30वीं डेथ एनिवर्सरी (death anniversary) है। शोले के गब्बर सिंह और मुकद्दर का सिकंदर (Muqaddar Ka Sikandar) में दिलावर के रोल में अमजद को खूब पॉपुलैरिटी मिली थी। उन्होंने कई सुपरहिट फिल्में है। इसमें आतंक,दिल ही तो है,आसमान से गिरा,वक्त का बादशाह,लव,लेकिन,महासंग्राम,पति पत्नी और तवायफ़,संतोष,मेरी ज़बान,दोस्त,चोर पुलिस,चरस,शोले,हिन्दुस्तान की कसम समेत कई अन्य फिल्में शामिल है। अमजद ने अपने फिल्मी करियर में लगभग 132 फिल्मों में काम किया है।
इस फिल्म से की करियर की शुरुआत
अमजद का जन्म 12 नवंबर 1940 को मुंबई में पश्तूनी मुस्लिम फैमिली में हुआ था। उन्हें बचपन से ही एक्टर बनना था इसलिए उन्होंने बहुत छोटी से उम्र में थिएटर में काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट में फिल्म नाजनीन (Nazneen)से की थी। ये फिल्म 1951 में सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। उस वक्त वो सिर्फ 11 साल के थे।
अमजद की जिंदगी का बुरा दौर
1986 में अमजद फिल्म द ग्रेट गैंबलर (movie the great gambler) की शूटिंग के लिए गोवा जा रहे थे। इसी बीच रास्ते में उनकी कार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी था। ये हादसा इतना खतरनाक था कि उन्हें काफी जोटे आई थी। वो कोमा में चले गए थे और फिर उन्हें ठीक होने में काफी समय लगा था। वह ठीक जरूर हो गए थे लेकिन इस एक्सीडेंट (Accident) के बाद उनकी तबीयत खराब रहने लगी। इसके बाद 27 जुलाई 1992 को अमजद का हार्ट अटैक से निधन हो गया था। जब अमजद का निधन हुआ था तब वो सिर्फ 47 साल के थे।
अमजद के मशहूर डायलॉग
सो जा वर्ना गब्बर आ जाएगा, अब तेरा क्या होगा कालिया, गब्बर सिंह से तुम्हे एक ही आदमी बचा सकता है..और वो है..खुद गब्बर सिंह,कितने आदमी थे, जो डर गया..समझो मर गया,ये हाथ मुझे दे-दे ठाकुर समेत कई अन्य डायलॉग है, जो आज भी उनके फैंस को याद है।