BHOPAL. बॉलीवुड के गलियारों से ज्यादा सियासत के अखाड़े में चर्चित हुई फिल्म 'द केरल स्टोरी' एमपी सरकार के गले की फांस बन गई है। लगातार विवादों में बनी रहने वाली इस फिल्म की पटकथा से ज्यादा विवाद इसके टैक्स फ्री करने पर खड़ा हो गया है। 6 मई को एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एक वीडियो ट्वीट कर ऐलान किया था कि 'द केरल स्टोरी' को टैक्स फ्री किया जाता है। 4 दिन बाद इस आदेश को निरस्त करने संबंधी एक आदेश जारी हुआ जिसमें टैक्स फ्री की घोषणा से सरकार यू-टर्न लेती नजर आई। जिसके बाद सोशल मीडिया पर एमपी सरकार की जमकर किरकिरी हुई। दो घंटे बाद ही मध्यप्रदेश सरकार को फिर से एक आदेश जारी कर पुन: इस फिल्म को टैक्स फ्री करने का ऐलान करना पड़ा। यानी एक ही फिल्म के लिए सरकार से तीन बार अलग-अलग आदेश जारी हुए हैं।
एमपी सरकार ने की थी सबसे पहले घोषणा
'द केरल स्टोरी' के रिलीज होने से पहले ही इस फिल्म पर सियासत होने लगी थी। इसके बाद फिल्म को सबसे पहले एमपी की शिवराज सरकार ने 6 मई को टैक्स फ्री किया गया। इसके बाद 9 मई को यूपी की योगी सरकार ने 'द केरल स्टोरी' को टैक्स फ्री करने का ऐलान किया। हालांकि इसी बीच पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में 'द केरल स्टोरी' फिल्म को बैन कर दिया गया। फिल्म पर देशभर में जमकर सियासत हो रही है।
एमपी सरकार की हो रही किरकिरी
6 मई को सोशल मीडिया पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एक वीडियो जारी कर सबसे पहले फिल्म को टैक्स फ्री करने का ऐलान किया। 4 दिन बाद ही इस फिल्म को टैक्स फ्री करने का आदेश सरकार ने खारिज कर दिया। इस खबर को सोशल मीडिया पर वायरल होने में देर न लगी जिसके बाद यूजर्स ने सरकार को जमकर खरी खोटी सुना दी। दो घंटे बाद ही सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा। और सुबह जारी हुए आदेश को गलत बताते हुए फिल्म को टैक्स फ्री रखने की घोषणा को यथावत रखा।