ट्रेन ड्राइवर बनना चाहते थे ओम पुरी, पहली ही फिल्म हो गई थी सुपरहिट, लेकिन पर्सनल लाइफ रही काफी कंट्रोवर्शियल

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Pratibha Rana
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ट्रेन ड्राइवर बनना चाहते थे ओम पुरी, पहली ही फिल्म हो गई थी सुपरहिट, लेकिन पर्सनल लाइफ रही काफी कंट्रोवर्शियल

MUMBAI. बॉलीवुड एक्टर ओम पुरी की आज (6 जनवरी) को डेथ एनिवर्सरी है। 2017 में आज ही के दिन दिल का दौरा पड़ने से 66 साल की उम्र में एक्टर का निधन हो गया था। ओम पुरी का जन्म 18 अक्टूबर, 1950 को हरियाणा के अंबाला शहर में हुआ था। उनके पिता रेलवे में नौकरी करते थे। ओम की पर्सनल लाइफ काफी कॉन्ट्रोवर्शियल भरी रही थी। लेकिन फिल्मी दुनिया में एक्टर ने काफी कामयाबी हासिल की।



पहली ही फिल्म से चमक गई थी किस्मत



ओम ने मराठी सिनेमा से एक्टिंग की शुरुआत की थी। इस फिल्म का नाम ‘घासीराम कोतवाल’ था। इसके बाद उन्होंने बॉलीवुड में फिल्म आक्रोश से कदम रखा। ये फिल्म 1980 में सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी।  इसके बाद उन्होंने कई हिट फिल्में दी। इसमें आरोहण, अर्द्ध सत्य,जाने भी दो यारों, चाची 420, हेरा फेरी, मालामाल वीकली, ​मिर्च मसाला समेत कई अन्य शामिल है। ओम को फिल्म आरोहण और अर्ध सत्य के लिए बेस्ट एक्टर के नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया था। 



ट्रेन ड्राइवर बनना चाहते थे ओम पुरी



घर की  स्थिति ठीक न होने की वजह से ओम पुरी ने एक ढाबे में काम किया करते थे। लेकिन वो हमेशा से ट्रेन ड्राइवर बनना चाहते थे। उसकी वजह ये थी कि बचपन में वो जिस घर में रहते थे वहां से थोड़ी ही दूरी पर एक रेलवे यार्ड था, जहां वो उदास होने पर चले जाते था। वहीं सोते और रहते थे। इस वजह से उन्हें ट्रेन से काफी लगाव हो गया था और वो बड़े होकर रेलवे ड्राइवर बनना चाहते थे। हालांकि उनके ये सपना अधूरा रह गया था। 


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