MUMBAI. चिट्ठी न कोई संदेश, कोई फरियाद समेत 750 से ज्यादा गीतों को आवाज दे चुके जगजीत सिंह की आज ( 8फरवरी) को 82वीं बर्थ एनिवर्सरी है। जगजीत का जन्म 8 फरवरी 1941 को राजस्थान के गंगानगर में हुआ था। इनका असली नाम जगमोहन सिंह था। बचपन से ही जगजीत को गाने का बड़ा शौक था। जगजीत, गजल की दुनिया में वो आवाज हैं, जिन्होंने इस विधा को दुनियाभर में सबसे पॉपुलर बनाया। जगजीत को 2003 में भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था। 2011 में 70 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था। जगजीत ने 45 फिल्मों और 6 टीवी शोज में गजलें गाई है।
जगजीत की पॉपुलर गजल
चिट्ठी न कोई संदेश, कोई फरियाद, तुमको देखा तो ये खयाल आया, होठों से छू लो तुम, होश वालों को खबर क्या, झुकी झुकी सी नजर, ये तेरा घर ये मेरा घर, तेरे आने की जब खबर महके,तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो, वो कागज की कश्ती समेत कई गजल गाए। उन्होंने हर गजल को जैसे खुद जीया और फिर गाया हो। उनकी आवाज में जो बात थी, वह सुनने वाले को दीवाना बना देती थी। कहा जाता है कि लता मंगेशकर भी जगजीत की बहुत बड़ी फैन थीं। वह टिकट लेकर उनके कॉन्सर्ट सुनती थीं।
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जगजीत की वजह से एयरपोर्ट पर लेट लैंड हुई थी फ्लाइट
बताया जाता है कि जगजीत पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरपोर्ट की फ्लाइट से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। वहां पर मौजूद लोगों ने उनसे गजल सुनाने की बात की। जगजीत ने जैसे ही गजल सुनाना शुरू कि तो पायलट ने कंट्रोल रूम कॉल कर आधे घंटे तक लैंडिंग ना कराने की इजाजत ले ली। इसके बाद सभी ने जगजीत का पूरी गजल सुना। जब उनका गजल पूरा हो गया तब फ्लाइट को लैंड किया गया।
चित्रा से शादी के लिए ली थी पहले पति से इजाजत
चित्रा और जगजीत एक-दूसरे के साथ काफी गाने गाते। इस दौरान दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया था। लेकिन चित्रा पहले से ही शादीशुदा थीं। हालांकि जगजीत ने हिम्मत और चित्रा के पति से ही उनका हाथ मांग लिया। जगजीत ने चित्रा के पति से कहा- मैं तुम्हारी पत्नी से शादी करना चाहता हूं। इसके बाद दिसंबर 1969 में चित्रा अपने से अलग हो गई और जगजीत से शादी कर ली। दोनों का एक बेटा था, जिसका 20 साल की उम्र में सड़क दुर्घटना से निधन हो गया था।