MUMBAI. जाने-माने फिल्ममेकर मनमोहन देसाई की आज 1 मार्च को 29वीं डेथ एनिवर्सरी है। मनमोहन ने अपने 57वें जन्मदिन के सिर्फ चार दिन बाद छत से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। मनमोहन देसाई ने कुल 23 फिल्में बनाईं, जिनमें 15 जबरदस्त सफल रहीं। मनमोहन महज 20 साल की उम्र में फिल्म डायरेक्टर बन गए थे। उन्होंने पहली फिल्म छलिया राज कपूर और नूतन के साथ बनाई। बता दें देसाई अकेले ऐसे डायरेक्टर हैं, जिन्होंने एक के बाद एक 11 फिल्में जुबली हिट दीं। इनमें से 4 गोल्डन जुबली और 7 सिल्वर जुबली थीं।
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यहां से ये फिल्म बनाने का आया आइडिया
मनमोहन की फिल्म अमर अकबर एंथनी 1977 में रिलीज हुई थी। बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि उनके दिमाग में ये फिल्म बनाने का आइडिया कहा से आया था। दरअसल एक दिन मनमोहन न्यूज पेपर बढ़ रहे थे। न्यूज पेपर में एक खबर पढ़ने के बाद उनके माइंड में फिल्म बनाने का आइडिया आया था। न्यूज पेपर में खबर थी कि एक आदमी अपने तीन बेटों को पार्क में छोड़कर सुसाइड करने चला जाता है। उसी दिन मनमोहन की मुलाकात राइटर प्रयाग राज से हुई। प्रयाग राज ने उनकी कई फिल्मों की कहानी लिखी थी। उन्होंने प्रयाग राज को ये पूरी स्टोरी सुनाई। प्रयाग राज को भी ये कहानी काफी पसंद आई। इसके बाद उन्होंने इस खबर पर ही फिल्म बना डाली।
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अमेरिका की राइटर मनमोहन से मिलने आई थी इंडिया
अमर अकबर एंथनी के आखिरी सीन में तीनों बेटों का खून निकाल कर एक ही ड्रिप से मां को दिया जा रहा था। फिल्म के इस सीन को देखने के बाद एक अमेरिकन ऑथर कोनी हाहम इंप्रेस हो गई थी। वह मनमोहन से मिलने भारत आईं थीं। उनका कहना था कि कोई इतने शानदार तरीके से बेबुनियाद चीज को कैसे पर्दे पर दिखा सकता है। जब वो मनमोहन से मिलीं तो उन्होंने कोनी हाहम को सेट दिखाया। शूटिंग लोकेशन पर ले गए और ये भी बताया कि वो शूटिंग करते हैं। ऑथर कोनी हाहम ने मनमोहन पर एक किताब भी लिखी थी, जिसका नाम Enchantment of the Mind: Manmohan Desai’s Films था।