MUMBAI. 80 और 90 के दशक को अपनी सुर लहरी से दुनिया को दीवाना बनाने वाले बप्पी लहरी की आज 15 फरवरी को डेथ एनिवर्सरी है। बप्पी का जन्म 27 नवंबर, 1952 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में हुआ। उनका असली नाम आलोकेश लहरी था। बप्पी को बचपन से ही गाने का बहुत शौक था। उनके पिता अपरेश लहरी बंगाली गायक थे। जबकि मां वनसरी लहरी संगीतकार और गायिका थी। बप्पी की आवाज के दीवाने पूरी दुनिया में है। बप्पी गोल्ड ज्वैलरी पहनने के काफी शौकीन थे।
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45 भाषाओं में डब किया गया बप्पी का गाना
बप्पी लहरी के नाम सबसे ज्यादा गानों को लिखने और गाने का रिकॉर्ड है। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में उनका नाम इस बात के लिए दर्ज है। 1986 में उन्होंने 9000 गाने लिखे थे। इसी साल कम से कम 33 फिल्मों में उन्होंने 180 गाने गाए थे। बप्पी ने आजतक जितने भी गाने गाए है। उसमें से सबसे फेमस गाना जिमी जिमी आजा आजा है। इस गाने को दूसरे देशों में 45 विदेशी भाषाओं में डब किया गया था।
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सोना पहनने का था बहुत शौक
कहा जाता है कि बप्पी को सोना पहनने का बहुत शौक था। वह अमेरिकन रॉक स्टार एल्विस प्रेसली के बड़े फैन थे। एल्विस अपनी परफॉर्मेंस के दौरान सोने की चैन पहना करते थे। स्ट्रगल के दिनों में बिप्पी ने ठान लिया था कि जब वो कामयाब हो जाएंगे तो वो भी एल्विस की तरह सोने की चैन पहन कर लोगों के दिलों में अपनी एक अलग छाप छोड़ेंगे। इसके बाद बप्पी को गोल्ड मैन भी कहा जाने लगा।