दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे। चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी तेज हो गया है। इसी बीच, सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक स्कूल के कार्यक्रम का दृश्य दिखाई दे रहा है, जिसमें एक बच्ची के सिर से भारत माता का मुकुट उतारकर उस पर सफेद कपड़ा बांधा जा रहा है। इसके बाद मंच पर खड़े कुछ बच्चे नमाज पढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं।
वहीं वायरल वीडियो के साथ फेसबुक पर राजेश हिंदुस्तानी नाम का एक यूजर ने लिखा है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में ये हो रहा है। भारत माता के सिर से मुकुट उतारकर सफेद कपड़ा रखकर कलमा पढ़ाया जा रहा है। यह है दिल्ली के स्कूलों का केजरीवाल मॉडल, इसे ज्यादा से ज्यादा फैलाओ। तो आइए जानते हैं फैक्ट चेक ( Fact Check) के जरिए, क्या है वायरल पोस्ट ( Viral Post ) की सच्चाई...
जानें क्या है इस पोस्ट का सच...
दरअसल, जब द सूत्र की फैक्ट चेक टीम ने इस वीडियो की सच्चाई का पता लगाया तो यह वीडियो आधा अधूरा निकला। साथ ही टीम को ये भी पता लगा कि यह वायरल वीडियो दिल्ली का नहीं, बल्कि लखनऊ के एक स्कूल का है। टीम ने और गहन तरीके से जांच पड़ताल की तो यह भी पता लगा कि यह वायरल वीडियो दो साल पुराना है। जहां एक स्कूल के कार्यक्रम में बच्चों ने सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देने के लिए हर धर्म की प्रार्थनाओं को दिखाया था।
वीडियो की और सच्चाई जानने के लिए द सूत्र ने इस वीडियो से जुड़े कीवर्ड सर्च करना शुरु किया। तो हमें टाइम्स ऑफ इंडिया के पत्रकार अरविंद चौहान का एक एक्स-पोस्ट मिला, जिसमें उन्होंने इसी कार्यक्रम का 2 मिनट 20 सेकंड लंबा वीडियो शेयर किया था। अगस्त 2022 में शेयर किया गया यह वीडियो अलग एंगल से रिकॉर्ड किया गया है। अरविंद ने अपने पोस्ट में बताया है कि यह लखनऊ का वीडियो है। दिलचस्प बात यह है कि इस वीडियो में नाटक कर रहे बच्चों को न केवल नमाज अदा करते हुए देखा जा सकता है बल्कि हिंदू, सिख और ईसाई धर्मों के रीति-रिवाजों के अनुसार प्रार्थना भी करते हुए देखा जा सकता है।
वहीं द सूत्र ने और रिसर्च करना शुरू किया तो लखनऊ पुलिस ने इसी वीडियो को लेकर साल 2022 में एक ट्वीट किया था। पुलिस ने बताया था कि यह वीडियो शिशु भारतीय विद्यालय, मालवीय नगर, बाजार खाला का है। यहां बच्चों द्वारा एक नाटक का मंचन किया गया था, जिसमें धर्म के नाम पर झगड़े से बचने और समाज में सौहार्द बनाए रखने का संदेश दिया गया। पुलिस ने आधे वीडियो को शेयर करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की भी चेतावनी दी थी।
गलत है वायरल पोस्ट का दावा
द सूत्र फैक्ट चेक ( thesootr fact check ) से ये साफ हो गया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो तो सही है लेकिन ये कहकर वायरल करना गलत है कि स्कूल में कलमा पढ़या जा रहा है। वायरल हो रहे ऐसे वीडियो और पोस्ट से दूर रहें, सही खबरों और फैक्ट चेक के लिए द सूत्र पढ़ते रहें।
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