सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को है और इस दिन से ही सावन मास का भी आरंभ हो रहा है। हिंदू धर्म में सावन मास का विशेष महत्व है। सावन के इस 5 दिनों का अद्भुत शुभ योग बन रहा हैं...
सावन के पहले सोमवार पर प्रीति योग बन रहा है और इस योग के स्वामी स्वयं भगवान नारायण हैं। पुराणों में बताया गया है कि प्रीति योग सदा मंगल करने वाला और भाग्य को बढ़ाने वाला होता है इसलिए प्रीति योग को मंगल दायक योग भी कहते हैं।
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आयुष्मान योग का संयोग
सावन के पहले सोमवार पर आयुष्मान योग बन रहा है। भारतीय संस्कृति में लोग आयुष्मान भव: कहकर आशीर्वाद देते हैं अर्थात यह आशीर्वाद लंबी आयु के लिए दिया जाता है।
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नवम पंचम योग का संयोग
सावन के पहले सोमवार को चंद्रमा और मंगल एक दूसरे से नौवें और पांचवे भाव में मौजूद रहेंगे, जिससे नवम पंचम राजयोग का निर्माण हो रहा है। इस योग में शिव पूजन करने से कुंडली में मौजूद सभी ग्रह दोष दूर होते हैं।
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शश योग का संयोग
सावन के पहले सोमवार को शश राजयोग बन रहा है क्योंकि इस दिन शनि स्वराशि कुंभ में रहने वाले हैं। शश योग के स्वामी शनिदेव हैं, जो भगवान शिव के शिष्य हैं। इस योग में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से शनि के अशुभ प्रभाव में कमी आती है।
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सर्वाद्ध सिद्ध योग का संयोग
सावन के पहले सोमवार को सर्वाद्ध सिद्ध नामक शुभ योग का निर्माण भी हो रहा है। जैसा कि इसके नाम से जानकारी मिल रही है कि यह योग सभी कार्यों को सिद्ध करता है।