गुजरात के अहमदाबाद शहर में साबरमती रिवरफ्रंट पर एक ‘अंतरराष्ट्रीय पुष्प प्रदर्शनी’ (Ahmedabad International Flower Show) का भव्य आयोजन किया गया है, जिसमें फूलों की अनगिनत प्रजातियों और बागवानी की अनूठी तकनीकों का प्रदर्शन किया गया है। ये आयोजन न केवल प्रकृति प्रेमियों और पर्यावरणविदों के लिए खास होने वाला है, बल्कि किसानों, कलाकारों और पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनने वाला है।
बीते दिनों मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस पुष्प प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, जो 22 जनवरी तक पर्यटकों के लिए खुली रहेगी। बता दें कि, पहली बार ये प्रदर्शनी का आयोजन साबरमती रिवरफ्रंट पर साल 2013 में किया गया था। ये वो वक्त था जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
पीएम मोदी ने 'अहमदाबाद अंतरराष्ट्रीय पुष्प प्रदर्शनी 2025' की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की। उन्होंने इसे ‘प्रकृति और मानवता के बीच का एक खूबसूरत पल’ बताते हुए इस आयोजन को भारतीय कृषि और पर्यावरण प्रेम का प्रतीक बताया। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि, उनका इस प्रदर्शनी से खास लगाव रहा है, क्योंकि मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने इस पुष्प प्रदर्शनी को आगे बढ़ते देखा है।
इस प्रदर्शनी में दुर्लभ और विदेशी फूलों की प्रजातियों को प्रदर्शित किया गया है। जिसमें गुलाब, ऑर्किड, ट्यूलिप, सूरजमुखी और अन्य कई खूबसूरत फूलों से ढकी जमीन एक स्वर्ग जैसा दृश्य पेश करती हैं।
यहां फूलों से बने अनोखे डिजाइन, जैसे- महात्मा गांधी की प्रतिमा, मंदिरों की आकृतियां और पर्यावरणीय संदेश देने वाली कलाकृतियां मुख्य आकर्षण का केंद्र बनेगी। यही कारण है कि इस प्रदर्शनी को भारत सहित कई देशों की भागीदारी ने इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट पहचान दिलाई है।
यही नहीं इस आयोजन में किसानों और विशेषज्ञों के लिए आधुनिक बागवानी तकनीकों और फूलों की खेती में सुधार के तरीकों को भी प्रदर्शित किया गया है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य फूलों की खेती के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और हरित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है।
लाखों पर्यटक इस आयोजन का हिस्सा बनने को तैयार हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिल सकता है। ऐसा कहा जा रहा है कि, इस बार रिकॉर्ड तोड़ लोगों के आने की उम्मीद है। पिछले साल इसमें लगभग 20 लाख लोगों ने शिरकत की थी और इस बार ये आंकड़ा टूट सकता है। बता दें कि, इस प्रदर्शनी को 6 जोन में बांटा गया है। इसमें 50 प्रजातियों के 10 लाख से ज्यादा फूल और मिट्टी से बनी 30 से ज्यादा मूर्तियों को उजागर किया गया है।