रजत पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलने बाबा महाकाल ने 7 स्वरूप- श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा-महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद, श्री घटाटोप मुखोटा स्वरुप और श्री सप्तधान के रूप में दर्शन दिए।