मांढरे की माता मंदिर
मांढरे की माता मंदिर ग्वालियर में स्थित है। यह मंदिर 147 साल पुराना है और इसकी स्थापना तत्कालीन महाराजा जयाजीराव सिंधिया ने की थी। ये मंदिर कंपू क्षेत्र के कैंसर पहाड़ी पर बना है। इस मंदिर में विराजमान अष्टभुजा वाली महिषासुर मर्दिनी मां महाकाली की प्रतिमा अद्भुत और दिव्य है।
बिजासन देवी मंदिर
इंदौर का बिजासन माता मंदिर में नवरात्रि के दौरान हजारों भक्त आते हैं। बता दें कि इस मंदिर में विराजमान नौ दैवीय प्रतिमाओं को तंत्र-मंत्र का चमत्कारिक स्थान व सिद्ध पीठ माना गया है।
मां चामुंडा, तुलजा दरबार
देवी के 52 शक्तिपीठ में से मां चामुंडा, तुलजा दरबार को एक शक्तिपीठ के तौर पर माना जाता है। देवी का ये मंदिर देवास में है।
कवलका माता मंदिर
श्री कवलका माता मंदिर रतलाम में स्थित है। कहा जाता है कि यहां स्थित मां कवलका, मां काली और काल भैरव की मूर्तियां मदिरापान करती हैं। बता दें कि ये मंदिर लगभग 300 वर्ष पुराना है।
मैहर शारदा मंदिर
मप्र का मैहर शारदा मां के मंदिर के लिए जाना जाता है। यह मंदिर सतना जिले की त्रिकुटा पहाड़ी पर स्थित है।
बगलामुखी मंदिर
दतिया का श्री पीताम्बरा पीठ बगलामुखी सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है और इस मंदिर की स्थापना 1920 के दशक में की गई थी।