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संत कबीर का चबूतरा
यह चबूतरा महान संत कबीरदास का है। कहा जाता है (Kabir) कि कबीरदास ने यहीं बैठकर लंबे समय तक तपस्या की थी।
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गुरु नानक देव से मिलन
यह चबूतरा सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के लिए भी खास है। माना जाता है कि इसी स्थान पर इन दोनों महान संतों की मुलाकात हुई थी।
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कबीर चबूतरा नर्मदा नदी पास
कबीर का चबूतरा अमरकंटक में नर्मदा नदी के उद्गम स्थल के पास ही है। जो इस स्थान की पवित्रता को और बढ़ा देता है।
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गुरु और शिष्य का मिलन
लोक कथाओं के अनुसार संत कबीरदास अपने गुरु स्वामी रामानंद से भी यहीं मिले थे।
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कबीर के दोहे और विचार
संत कबीरदास ने इस जगह बैठकर ही अपने कई दोहे (कबीर दास का दोहा ) और विचार दुनिया तक पहुंचाए।
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पत्थर से बना चबूतरा
इस चबूतरे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि चबूतरा देखने में बेहद साधारण पत्थरों से बना हुआ है।
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