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एक टेकरी पर दो देवियां
देवास टेकरी पर बड़ी मां तुलजा भवानी और छोटी मां चामुंडा देवी एक साथ विराजमान हैं। दोनों को बहन माना जाता है।
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साल भर रहती है भक्तों की भीड़
चामुंडा माता मंदिर: इस मंदिर में पूरे साल भक्त दर्शन करने आते हैं। नवरात्रि के 9 दिनों में तो लाखों की भीड़ उमड़ती है!
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माता सती से जुड़ा इतिहास
मां चामुंडा देवी मंदिर: कहा जाता है कि ये दोनों माताएं, माता सती के रक्त की दो बूंदों से इस टेकरी पर प्रकट हुई थीं।
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राजपरिवार का शाही हवन
मां चामुंडा देवी मंदिर: नवरात्रि के समय माता जी की विशेष पूजा होती है। खासकर अष्टमी और नवमी पर देवास रियासत के राजपरिवार द्वारा यहां शाही हवन किया जाता है।
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अनबन के बाद रुकी थीं माताएं
एक बार बड़ी मां और छोटी मां में किसी बात पर अनबन हो गई। वे नाराज होकर मंदिर छोड़कर जाने लगीं। तभी हनुमान जी और भेरू बाबा ने उन्हें रोका और मनाया। माताएं जिस हाल में थीं उसी हाल में वहीं रुक गईं।
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मंदिर की अनोखी मान्यता
इस मंदिर की एक अनोखी मान्यता है। यहां भक्त उल्टा स्वास्तिक बनाकर मन्नत मांगते हैं। जब मन्नत पूरी हो जाती है तो वापस आकर सीधा स्वास्तिक बनाते हैं।
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संतान प्राप्ती की मान्यता
Latest Religious News : यह मंदिर संतान प्राप्ती के लिए भी प्रसिद्ध है। जिन महिलाओं को संतान नहीं होती वे यहां लगातार 5 दिन तक माता को पान का बीड़ा चढ़ाती हैं। (धार्मिक अपडेट) ऐसा करने से उन्हें संतान सुख मिलता है।
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