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खंडवा का टंट्या भील रेलवे स्टेशन
टंट्या भील की कहानी: यह स्टेशन मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के पास, पातालपानी नाम की जगह पर है। इसे अब टंट्या भील रेलवे स्टेशन कहते हैं। यह स्टेशन बहुत रहस्यमय है।
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सलामी देती है ट्रेन
ये रेल्वे स्टेशन बहुत फेमस है। यहां हर ट्रेन एक बहादुर आदमी, टंट्या मामा को सलामी देने के लिए खुद रुकती है।
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इंडियन रॉबिन हुड थे टंट्या मामा
टंट्या भील कौन थे: टंट्या भील गरीबों के लिए लड़ते थे और अंग्रेजों को परेशान करते थे। लोग इन्हें इंडियन रॉबिन हुड कहते थे। ये अमीरों से लूटकर गरीबों को देते थे।
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ट्रेन ना रोकने पर हादसा
कहा जाता है कि अगर कोई ड्राइवर यहां ट्रेन न रोके और हार्न न बजाए, तो आगे जाकर हादसा हो जाता है।
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ट्रेन हादसा होने लगा
अंग्रेजों ने मामा को फांसी देने के बाद उनकी बॉडी को चुपके से इस रेलवे ट्रैक के पास ही दफना दिया था। इसके बाद से ही इस ट्रैक पर बार-बार ट्रेन पलटने लगीं।
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टंट्या भील का बना मंदिर
टंट्या भील मंदिर: जब हादसे बंद नहीं हुए, तो लोगों ने यहां मामा का छोटा-सा मंदिर बना दिया। मंदिर बनने के बाद से सब ठीक हो गया।
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आत्मा करती है रक्षा
टंट्या भील का इतिहास: लोगों का मानना है कि कि मामा का शरीर भले ही चला गया, पर उनकी आत्मा आज भी इन जंगलों में है। (टंट्या भील की जीवनी) यहां आने-जाने वाले लोगों की रक्षा करती है।
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