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हिंदू धर्म में महालक्ष्मी व्रत का विशेष महत्व है। वैसे तो हिंदू धर्म में हर व्रत और त्योहार का विशेष महत्व होता है। सोलह दिनों तक चलने वाले महालक्ष्मी व्रत का समापन आश्विन मास की अष्टमी तिथि को होता है।
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हिंदू धर्म में महालक्ष्मी व्रत 16 दिनों तक रखा जाता है। हालांकि, यह निर्जल व्रत नहीं है, लेकिन इसमें अन्न का सेवन वर्जित है। इस व्रत में आप फलाहार खा सकते हैं।
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इस दिन देवी लक्ष्मी को मालपुआ का भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है। मालपुआ मिठास और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
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महालक्ष्मी की पूजा में आटे के 16 दीये बनाकर उनमें घी की बाती डालकर हाथी के ऊपर रख दिया जाता है। पूजा के दौरान ये दीये जलाए जाते हैं और पूजा संपन्न होती है।
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एक दीया उठाकर अपने सिर से 5 या 7 बार दक्षिणावर्त घुमाकर हाथी के किसी एक पैर के नीचे रख दें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से लोगों के सभी कष्ट और परेशानियां दूर हो जाती हैं।