इंदिरा गांधी
भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर भी इसी तरह हमला किया गया था। उनके दो बॉडी गार्ड्स (बेअंत और सतवंत सिंह) ने 31 अक्तूबर 1984 को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। हत्याकांड को अंजाम देने वाले हमलावर ऑपरेशन ब्लू स्टार से नाराज थे।
राजीव गांधी
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर भी जानलेवा हमला हुआ था। जब राजीव गांधी 21 मई 1991 को चेन्नई के श्रीपेरम्बदूर में थे, तब LTTE ने उन पर आत्मघाती हमला करवाया था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी। दरअसल, श्रीलंका का तमिल विद्रोही संगठन LTTE नाराज था।
लियाकत अली खान
16 अक्तूबर 1951 में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री लियाकत अली खान की हत्या कर दी गई थी। वह रावलपिंडी के कंपनी बाग में एक रैली को संबोधित कर रहे थे। हमलावर ने उन्हें उस जगह से निशाना बनाया था, जिसे इंटेलिजेंस अफसरों के रिजर्व रखा गया था।
बेनजीर भुट्टो
पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की भी 27 दिसंबर 2007 को हत्या कर दी गई थी। उन्हें भी रावलपिंडी में ही चुनाव प्रचार के दौरान निशाना बनाया गया था। दरअसल, हमलावर ने उन्हें गोली मार दी थी। हत्यारे ने वारदात को अंजाम देने के बाद खुद को बम से उड़ा लिया था।
शेख मुजीबुर्रहमान
बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान पर भी जानलेवा हमला हुआ था। हमलावरों ने 15 अगस्त 1975 को शेख के साथ उनके परिवार को भी मौत के घाट उतार दिया था। हालांकि, उस वक्त उनकी दोनों बेटियां बांग्लादेश से बाहर थीं, जो हमले में बच गई थीं। बांग्लादेश की वर्तमान प्रधानमंत्री शेख हसीना उन्हीं की ही बेटी हैं
शिंजो आबे
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की मौत भी 8 जुलाई 2022 को एक हमले के कारण ही हुई थी। शिंजो आबे को हमलावर ने तब निशाना बनाया था, जब वे नारा शहर में एक रैली को संबोधित कर रहे थे। पूछताछ में हमलावर ने बताया था कि वह किसी बात को लेकर आबे से नाराज था।
जॉन एफ़ कैनेडी
अमेरिका के 35वें राष्ट्रपति रहे जॉन एफ कैनेडी की भी 22 नवंबर 1963 को हत्या कर दी गई थी। हमले से अंजान कैनेडी अपनी ओपन कार में कहीं जा रहे थे। इस दौरान ही हमलावर ने उन्हें गोली मार दी थी। हालांकि, दो दिन बाद ही कैनेडी के एक समर्थक ने हमलावर की हत्या कर दी थी।
राणासिंघे प्रेमदासा
श्रीलंका के तीसरे राष्ट्रपति राणासिंघे प्रेमदासा को 1 मई 1993 को आत्मघाती हमले में मार दिया गया था। प्रेमदासा को उसी LTTE ने निशाना बनाया था, जिसने भारत के पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या कराई थी। जब राणासिंघे प्रमदासा कलंबो में रैली कर रहे थे, तब एक आत्मघाती हमले में उनकी जान चली गई थी।