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स्तंभेश्वर महादेव मंदिर गुजरात
भारत का एकमात्र गायब होने वाला स्तंभेश्वर महादेव मंदिर, जो दिन में दो बार पूरी तरह से समुद्र में डूब जाता है और फिर बाहर आ जाता है।
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भगवान का जल अभिषेक
लोग इसे सिर्फ ज्वार-भाटा कहते हैं, पर भक्तों के लिए यह चमत्कार है। अरब सागर स्वयं यहाँ आता है और रोजाना दो बार भगवान शिव का अभिषेक करता है।
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शिवपुत्र की गलती और पश्चात्ताप
स्तंभेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास: कहा जाता है कि कार्तिकेय ने एक शिवभक्त को मार दिया था। इस पश्चात्ताप के लिए ही उन्होंने इस जगह पर शिवलिंग की स्थापना की थी।
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दो समुद्रों की टक्कर
यह मंदिर ऐसी जगह बना है, जहां दो बड़े समुद्र—अरब सागर और खंभात की खाड़ी—आपस में मिलते हैं। इनकी टक्कर से ही मंदिर बार-बार डूबकर बाहर आता है।
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दर्शन के लिए इंतजार जरूरी
अगर आप यहां दर्शन करने आ रहे हैं, तो घंटों तक समुद्र के पानी के उतरने का इंतजार करना पड़ेगा।
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गांधीनगर से 4 घंटे की दूरी पर
Latest Religious News: यह अनोखा मंदिर गुजरात की राजधानी (धार्मिक अपडेट) गांधीनगर से सिर्फ 4 घंटे की ड्राइव पर कवि कम्बोई में बना है।
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