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भव्य महाआरती का आयोजन
जयंती पर उज्जैन में रात 12 बजे काल भैरव बाबा की महाआरती की जाती है जिसे उनका जन्मोत्सव माना जाता है। (काल भैरव मंदिर) इस आरती में शामिल होने के लिए देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं।
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मदिरा का विशेष प्रसाद
काल भैरव की पूजा विधि: बाबा काल भैरव को मदिरा का भोग लगाने की परंपरा है। यह यहां की सबसे बड़ी पहचान है। मंदिर में श्रद्धालु बाबा के लिए मदिरा लाते हैं
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सरकारी पूजा और पगड़ी रस्म
जयंती पर काल भैरव बाबा की पहली पूजा राज्य सरकार करती है। इस दौरान बाबा को ग्वालियर के सिंधिया राजघराने की तरफ से लाई गई सरकारी पगड़ी पहनाई जाती है।
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छप्पन भोग की व्यवस्था
काल भैरव जयंती कब है: जयंती पर बाबा के लिए छप्पन तरह के पकवानों का खास इंतजाम होता है। भक्त अपनी तरफ से मिठाइयां लाते हैं और प्यार से बाबा को भोग लगाते हैं।
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मंदिर का विशेष शृंगार
काल भैरव जयंती 2025: काल भैरव जयंती से पहले पूरे मंदिर परिसर की सजावट और साफ-सफाई की जाती है।
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बाबा काल भैरव की शोभायात्रा
उज्जैन काल भैरव मंदिर: बाबा काल भैरव की शोभायात्रा मंदिर से निकलकर जेल चौराहा, माणक चौक, नाका चौराहा होते हुए आगे बढ़ती है। शोभायात्रा भैरवगढ़ जेल के गेट पर जाती है जहां बाबा को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है।
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