भगवान परशुराम
भगवान परशुराम रामायण और महाभारत दोनों कालों में मौजूद थे। रामायण में सीता स्वयंवर में उन्होंने श्री राम को चुनौती थी। वहीं महाभारत में कर्ण व भीष्म को शिक्षा दी थी।
हनुमान जी
भगवान श्री राम के परम भक्त हनुमान जी ( Hanuman ji ) ने रामायण काल में माता सीता को ढूंढ़ने में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन क्या जानते हैं कि हनुमान महाभारत के युद्ध में भी मौजूद थे। महाभारत में हनुमान जी अर्जुन के रथ पर मौजूद ध्वज में विराजमान हुए थे।
मयासुर
रामायण काल में मंदोदरी के पिता यानी लंकापति रावण के ससुर का महाभारत काल से भी गहरा संबंध रहा है। धर्म शास्त्रों के अनुसार रावण के ससुर मयासुर ने महाभारत में इंद्रप्रस्थ ( Indraprastha ) बनाने में सहयोग किया था।
जामवंत
रामायण काल के जामवंत के नाम से तो हर कोई परिचित है। जामवंत सुग्रीव की सेना के मंत्री थे और उन्हें भगवान श्री राम से मलयुद्ध की इच्छा प्रकट की थी। भगवान श्री राम ने उन्हें वचन दिया था कि द्वापर काल में कृष्ण के अवतार में उनकी इच्छा जरूर पूरी करेंगे। श्रीकृष्ण ( Sri Krishna ) ने द्वापर में उनकी यह इच्छा पूरी की और उनकी पुत्री जामवंती से विवाह किया।
महर्षि दुर्वासा
महर्षि दुर्वासा जैसे महापुरुष ने भी रामायण और महाभारत दोनों युग देखे थे। पौराणिक कथा के अनुसार रामायण काल में दुर्वास के श्राप की वजह से लक्ष्मण जी को श्रीराम का वचन भंग करना पड़ा था। वहीं महाभारत काल में महर्षि दुर्वासा ने कुंती का संतान प्राप्ति का मंत्र दिया था।