BHOPAL. आज वर्ल्ड ब्लड डोनर डे है। यह हर साल 14 जून को मनाया जाता है। इसी दिन 1868 को कार्ल लैंडस्टीनर का जन्म हुआ था। कार्ल एक मशहूर इम्यूनोलॉजिस्ट थे, जिन्होंने इंसानों में अलग-अलग ब्लड ग्रुप का पता लगाया था। कार्ल की इस खोज के बाद ही एक इंसान से दूसरे इंसान में ब्लड ट्रांसफ्यूजन मुमकिन हो सका है।
कार्ल का यह प्रयास जिंदगियां बचा रहा है। इसके बावजूद ब्लड डोनेशन को लेकर लोगों के मन में कई तरह की गलतफहमियां हैं। जैसे-खून देने से कमजोरी आती है, खून से शरीर में न्यूट्रिएंट्स की कमी हो जाती है, बार-बार बीमार होते हैं। लोग यह भी समझते हैं कि खून देने से सिर्फ खून चढ़ने वाले को ही फायदा होता है, ब्लड डोनेट करने वाले को सिर्फ नुकसान होता है।
ब्लड डोनेशन को लेकर कई गलतफहमियों को डॉक्टर्स सवाल-जवाब के द्वारा बता रहे हैं-
- सवाल: ब्लड डोनेट करना क्या नॉर्मल है?
जवाब: हां, यह एक नॉर्मल प्रोसेस है। एक सामान्य व्यक्ति एक बार में 1 यूनिट ब्लड डोनेट करके 3 लोगों की जान बचा सकता है। कैंसर से लेकर इमरजेंसी सर्जरी और एक्सीडेंट की वजह से कई बार लोगों का काफी ब्लड लॉस हो जाता है। इस कंडीशन में उन्हें ब्लड की जरूरत होती है। ऐसे लोगों को ब्लड डोनेट करके उनकी जरूरत को पूरा किया जा सकता है। उन्हें नई जिंदगी इससे मिल सकती है।
सवाल: ब्लड डोनेट करने से डोनर को क्या फायदा होता है?
जवाब: यह डोनर के लिए काफी फायदेमंद है। जैसे- इससे शरीर तमाम बीमारियों से बचा रहता है और दिमाग एक्टिव होता है। ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है, दिल की सेहत यानी हार्ट में भी सुधार होता है। वेट कंट्रोल में रहता है और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है। इमोशनल हेल्थ में भी सुधार करता है। और सबसे जरूरी कि ब्लड डोनेट करके आप किसी जरूरतमंद की जान बचा सकते हैं।
इसके अलावा भी कुछ सिचुएशन हैं, जब ब्लड डोनेट करने की सलाह नहीं दी जाती। जैसे-
- कुछ समय पहले मलेरिया हुआ था तो 3 महीने तक ब्लड डोनेट ना करें।
हाल ही में टाइफाइड से ठीक हुए हैं, तो अगले 12 महीने तक ब्लड डोनेट ना करें।
टीबी पेशेंट को इलाज पूरा होने के बाद 2 साल तक ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए।
कोई बड़ी सर्जरी हुई हो, वो 12 महीने तक और छोटी सर्जरी के बाद 6 महीने तक ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए।
महिलाओं को पीरियड्स के दौरान ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए।
अबॉर्शन यानी गर्भपात कराने के बाद 6 महीने तक ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए।
बच्चा जब तक मां का दूध पीता है, मां ब्लड डोनेट नहीं कर सकती है
ब्लड डोनर को ऐसी कोई बीमारी नहीं होनी चाहिए, जो ब्लड ट्रांसफ्यूजन से फैल सकती हो।
एक्यूट रेस्पिरेटरी बीमारी हैं तब भी ब्लड डोनेशन से बचें।
नाइट शिफ्ट करने के दूसरे दिन रक्तदान ना करें।
शराब या किसी भी तरह का नशा करने के बाद खून ना दें।
- सवाल: ब्लड डोनेट करने के लिए क्या वजन भी देखा जाता है?
जवाब: जो लोग ब्लड डोनेट कर रहे हैं उनका वजन कम से कम 45 किलो होना चाहिए।
सवाल: क्या ब्लड डोनेट करने से कोई नुकसान होता है?
जवाब: नहीं ब्लड डोनेट करने से कोई नुकसान नहीं होता है। थोड़ी बहुत कमजोरी लगती है। अच्छी डाइट लेने से ये परेशानी भी जल्दी ठीक हो जाती है। बस रक्त देने के बाद ऐसा खाना खाएं जिसमें आयरन मौजूद हो। मटर, दाल, बीन्स, टोफू, हरी सब्जी जैसे पालक, किशमिश डाइट में शामिल करें।
सवाल: अच्छा लोग यूनिवर्सल डोनर के बारे में बहुत बातें करते हैं ये क्या होता है?
जवाब: असल में O ब्लड ग्रुप वालों को यूनिवर्सल डोनर कहा जाता है। ऐसा ब्लड जो किसी भी अन्य ग्रुप में आसानी से मिक्स हो जाता है।मतलब O ब्लड ग्रुप वालों का खून किसी भी ब्लड ग्रुप को आसानी से चढ़ाया जा सकता है। इसमें एंटीजन A, B नहीं होते हैं। कोई भी पदार्थ जो इम्यून सिस्टम को इसके खिलाफ एंटीबॉडी बनाने के लिए प्रेरित करता है, एंटीजन कहलाता है।
सवाल: ब्लड डोनेट के दौरान कितना ब्लड लिया जाता है?
जवाब: ब्लड डोनर के शरीर से एक बार में 300 से 400 मिली. ब्लड लिया जा सकता है। ये शरीर में उपलब्ध ब्लड का करीब 15वां भाग होता है। ब्लड डोनेट के तुरंत बाद आपका शरीर डोनेट किए गए खून की पूर्ति करने में लग जाता है। अगर व्यक्ति अपना खानपान बेहतर रखे तो 24 घंटे में वापस शरीर में उतना ही ब्लड बन जाता है।
सवाल: एक बार ब्लड डोनेट करने के फिर कितने दिन बाद ब्लड डोनेट करना चाहिए?
जवाब: मेल-फीमेल यानी पुरुष-महिला दोनों के लिए ब्लड डोनेट करने का अलग-अलग टाइम है- पुरुष- हर 3 महीने में रक्तदान कर सकता है। महिलाएं- हर 4 महीने में अपना ब्लड डोनेट कर सकती हैं।
सवाल: 3-4 महीने के गैप में क्यों करना चाहिए ब्लड डोनेट?
जवाब: इसका कारण है शरीर में मौजूद रेड ब्लड सेल्स यानी लाल रक्त कणिकाएं। जो 3 से 4 महीने के अंदर खुद ही खत्म हो जाती हैं। इसलिए इतने महीने के अंतराल में ब्लड डोनेट करने की सलाह दी जाती है।
सवाल: बहुत लोग बोलते हैं कि 1 यूनिट ब्लड डोनेट कर दिया, मतलब 3 महीने की खिलाई-पिलाई निकल गई, क्या ये सच है? अगर नहीं तो फिर 1 यूनिट ब्लड कितने दिनों में बनता है?
जवाब: एक यूनिट में 350 मिलीग्राम खून लिया जाता है, जिसकी कमी शरीर में 24 घंटे में पूरी हो जाती है। बस अच्छी क्वांटिटी में हेल्दी डाइट के साथ फ्रूट, जूस और दूध लेना चाहिए।
सवाल: ब्लड डोनेट करने के बाद किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?
जवाब: ब्लड डोनेट करने के बाद से ही खून बनने का प्रोसेस शुरू हो जाता है। ये बॉडी का नेचुरल प्रोसेस है। ब्लड डोनेशन के 15-20 मिनट बाद बेड से उठें। भूख लगी है तो हेल्दी डाइट यानी पेट भर खाना खाएं। अगर भूख नहीं लगी है तो जूस, नारियल पानी, दही, छाछ पी सकते हैं। रात में पर्याप्त नींद लें।
सवाल: ब्लड डोनेट करने के लिए हमें कहां जाना होगा?
जवाब: इसके लिए आप लाइसेंस प्राप्त सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक या किसी मान्यता प्राप्त संस्था के कैंप या ब्लड बैंक में ब्लड डोनेट कर सकते हैं।
ब्लड के लिए यहां करें संपर्क
आपको यदि ब्लड की जरूरत है तो अलग-अलग शहरों में इन संस्थाओं और व्यक्तियों से संपर्क कर सकते हैं।
- इंदौर- अविनाश बेले (ब्लड बैंक इंजार्च) 9424962190
शहजाद सिंह पटेल (ब्लड डोनर) 9406786630
अशोक नायक (ब्लड डोनर) 919200250000
अरविंदो हॉस्पिटल 8962102102, 07314231622
माय ब्लड बैंक 0731-2575611, 0731-2443400
- भोपाल- हमीदिया ब्लड बैंक 0755-4329532
छिंदवाड़ा -रिंकू चौरसिया (डोनर- ब्लड ग्रुप्स) 9713288630
ग्वालियर- सुधीर दुरापे 95844 53000
श्री ब्लड बैंक 6266680980, 9340934509
- खरगोन- जिला चिकित्सालय खरगोन ब्लड बैंक (मुछाला जी) 9754987678, 07282243454
लक्ष्य परिवार ब्लड डोनेट ग्रुप 8959892959
सुरेंद्र सिंह ठाकुर 6263337655
सुभिषि हॉस्पिटल ब्लड बैंक (सिद्दीक शेख) 8770010663, 9406816786