इंदौर. देशभर में डायबिटीज के मरीजों (Diabetes Patients) की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। एक अनुमान के मुताबिक, देश में करीब 20% लोगों को डायबिटीज है। इनमें से ज्यादातर ऐसे हैं, जिन्हें इस बीमारी के बारे में पता ही नहीं है। अकेले इंदौर में ही करीब 8 लाख लोग डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे हैं। इंदौर के CHL अपोलो हॉस्पिटल में 8 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज वीक की शुरुआत हुई। इसमें हॉस्पिटल के चेयरमैन राजेश भार्गव, मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) एनसी मारू, डायबिटीज एक्सपर्ट डॉ. संदीप जुल्का और नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. श्रुति कोचर मारूने विचार रखे।
अनियंत्रित जीवनशैली है कारण
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, दुनिया में भारत डायबिटीज कैपिटल के नाम से जाना जाता है। अनियंत्रित खानपान, एक्सरसाइज से दूरी और व्यस्त जीवनशैली के चलते लोग बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जो दूसरी कई बीमारियों को जन्म देती है। डायबिटीज के मरीजों को हार्ट, किडनी, आंखों की बीमारियां बड़ी तेजी से पकड़ती हैं। विश्व में हर 70 सेकंड में एक व्यक्ति का पैर गैंगरीन के कारण काटा जाता है और इसका भी सबसे बड़ा कारण डायबिटीज ही है।
8-14 नवंबर तक डायबिटीज वीक
बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए CHL अस्पताल अपने सामाजिक सरोकार अभियान के तहत वर्ल्ड डायबिटीज वीक (World Diabetes Week) आयोजित कर रहा है। 8 नवंबर से 14 नवंबर तक होने वाले वीक के दौरान बीमारी को लेकर कई एक्टिविटीज आयोजित की जाएगी। डॉ. संदीप जुल्का मुताबिक, 14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे है और इस बार पूरी दुनिया में यह डे एक्सेस टू डायबिटीज केयर (Excess to Diabetes Care) की थीम पर मनाया जाएगा।
इस वीक के दौरान अस्पताल में रियायती दरों पर स्क्रीनिंग होगी। 13 नवंबर को शहर के 5 मजदूर चौराहों पर मजदूरों की ब्लड शुगर की मुफ्त जांच की जाएगी। ये जांच चंदन नगर, कालानी नगर, मालवा मिल, खजराना जैसे स्थानों पर होंगी। 14 नवंबर सुबह 8.30 बजे करीब डेढ़ किमी की डायबिटीज अवेयरनेस वॉक होगी। वॉक के बाद हॉस्पिटल ऑडिटोरियम में एक सेमिनार होगा, डायबिटीज, हार्ट समेत कई स्पेशलिस्ट मरीज और उनके परिजन से बात करेंगे।