Advertisment

एम्स देश भर के डॉक्टरों को देगा रोबोटिक सर्जरी की ट्रेनिंग, डॉक्टरों को ट्रेनिंग के लिए नहीं करना पड़ेगा विदेशों का रुख

author-image
Rajeev Upadhyay
एडिट
New Update
एम्स देश भर के डॉक्टरों को देगा रोबोटिक सर्जरी की ट्रेनिंग, डॉक्टरों को ट्रेनिंग के लिए नहीं करना पड़ेगा विदेशों का रुख

New Delhi. भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान अब अपने यहां के सभी चिकित्सकीय शाखाओं और देश भर के अन्य अस्पतालों के चिकित्सकों को रोबोटिक सर्जरी ट्रेनिंग की सुविधा शुरू करने जा रहा है। एम्स के डायरेक्टर प्रोफेसर एम श्रीनिवास ने एक ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया है जिसके मुताबिक एम्स में पर्याप्त संख्या में मास्टर ट्रेनर्स की मौजूदगी है, जिसके चलते भारत में बाकी हेल्थकेयर फैसिलिटी के डॉक्टर्स के लिए रोबोटिक सर्जरी ट्रेनिंग फैसिलिटी स्थापित करने की आवश्यकता है। 





एम्स ने चिकित्सकीय विज्ञान के इस नवाचार को सबसे पहले अपनाया था और कई वर्षों से रोबोटिक सर्जरी का इस्तेमाल करने वाली फैकल्टी का हिस्सा रहा है। इसी वजह से यह ट्रेनिंग फैसिलिटी से देश भर डॉक्टरों को लाभ मिलेगा। डॉक्टर्स बताते हैं कि रोबोट के जरिए की जाने वाली सर्जरी मरीजों के लंबे इंतजार को कम करने में सहायक साबित होगी। इंडिया में इस तरह की सुविधा होने से ज्यादा से ज्यादा डॉक्टर इसमें पारंगत होंगे और उन्हें इसकी ट्रेनिंग के लिए विदेशों का रुख नहीं करना पड़ेगा। एम्स के अधिकारियों की मानें तो अभी तक रोबोटिक सर्जरी सिर्फ यूरोलॉजी ब्रांच तक ही सीमित थी।







  • यह भी पढ़ें 



  • अगर आप भी दिन में ज्यादा सोते हैं तो हो जाइए सावधान, शरीर को हो सकते हैं कई नुकसान
  • Advertisment







    ऐसे होती है रोबोटिक सर्जरी







    बीते कुछ सालों में मेडिकल क्षेत्र में रोबोटिक सर्जरी का इस्तेमाल काफी बढ़ा है। इस सर्जरी की मदद से अब जटिल से जटिल ऑपरेशन किया जा रहा है। शरीर के कुछ ऐसे ऑर्गन होते हैं, जहां पहुंचना मुश्किल और खतरनाक होता है। हालांकि रोबोट से की जाने वाली सर्जरी की मदद से इन ऑर्गन्स तक भी आसानी से पहुंचा जा सकता है। कैंसर जैसे खतरनाक रोग में भी यह सर्जरी कारगर है, रोबोटिक सर्जरी में डॉक्टर द्वारा प्रोग्राम किए गए रोबोट ऑपरेशन करते हैं।    

    Advertisment





    रोबोटिक सर्जरी में पूरा नियंत्रण एक कंप्यूटराइज्ड कंसोल पर बैठे सर्जन के हाथ में होता है, रोबोट के साथ सर्जरी इसलिए बेहतर मानी जाती है क्योंकि  इसकी मदद से आसानी से किसी मुश्किल जगह पर मौजूद गांठ या कैंसर सेल को शरीर से अलग किया जा सकता है। मरीज के शरीर में डाला गया एक स्पेशल कैमरा ऑपरेशन वाली जगह का एक 3डी सीन दिखाता है। ये टेक्नोल़जी डॉक्टर के हाथों की तुलना में ज्यादा स्पीड से काम करता है।







    रोबोटिक सर्जरी काफी महंगी होती है, यही कारण है कि इसका सुझाव हर किसी को नहीं दिया जाता। जिन मरीजों को किडनी, प्रोस्टेट, इसोफैगस, लीवर, अंडाशय, गर्भाशय, बड़ी आंत और लिम्फ नोड्स के कैंसर होते हैं, उन्हें रोबोटिक सर्जरी की सलाह दी जाती है। रोबोटिक सर्जरी में ऑपरेशन के दौरान कट बहुत छोटा सा लगता है, यही वजह है कि सर्जरी के दौरान लगने वाले टांकों का निशान शरीर पर बहुत छोटा होता है। डॉक्टर द्वारा किए जाने वाले ऑपरेशन की तुलना में रोबोटिक सर्जरी में मरीज जल्दी रिकवर होता है और ऑपरेशन टेबल पर ज्यादा रक्तस्त्राव के चांस भी बेहद कम होते हैं। 



    Robotic surgery robotic surgery training will be done in AIIMS will not have to go abroad रोबोटिक सर्जरी एम्स में होगी रोबोटिक सर्जरी की ट्रेनिंग नहीं जाना पड़ेगा विदेश
    Advertisment