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BHOPAL. तांबे का पानी यूं तो सेहत के लिए बेहद लाभकारी है, लेकिन इसका इस्तेमाल कुछ सावधानियों के साथ करना भी जरूरी है। गर्मियां आ रही हैं और ऐसे में तांबे के पानी का उपयोग थोड़ा संभलकर करना होगा। वरना, कोई नई समस्या पैदा न हो जाए, इसका भी ध्यान रखना जरूरी है। लोगों के मन में तांबे का पानी पीने को लेकर तमाम भ्रांतियां हैं, हालांकि कुछ लोग बिना चिंता किए तांबे का पानी मनमर्जी से पी रहे हैं, लेकिन आपको भविष्य की परेशानियों से बचकर रहना है तो जानकारों की सलाह जरूर मानें। उनके बताए तरीके से ही तांबे का पानी पिएं।
क्या है तांबे का पानी या कॉपर चार्ज्ड वॉटर
सामान्य पानी को तांबे के बर्तन या बोतल या जग में आठ घंटे के लिए रखने के बाद जो पानी तैयार होगा, वह तांबे या कॉपर चार्ज्ड वॉटर कहलाएगा। इस प्रक्रिया को ऑलिगोडायनेमिक इफेक्ट कहते हैं। जिसमें तांबे के गुण पानी में घुल जाते हैं। तांबा पानी में मौजूद कई प्रकार के बैक्टीरिया को खत्मकर उसका शुद्धीकरण करता है। पानी को बारह घंटे से ज्यादा कतई तांबे के वर्तन में न रखें।
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तांबे के पानी के फायदे
ईशा फाउंउेशन के फाउंडर जग्गी वासुदेव के मुताबिक तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से शरीर में वात, पित्त और कफ का बैंलेंस बना रहता है। जो शरीर को कई बीमारियों से बचाता है। तांबा एक खनिज है। जो शरीर के लिए जरूरी है। इसके अलावा ये एंटी माइक्रोबियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-कार्सिनोजेनिक और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है। जो हीमाग्लोबिन बनाने और कोशिकाओं को डवलप करने में ददगार होता है।
गर्मी में तांबे का पानी कैसे पिएं
तांबे के बर्तन में पानी रखने से उसकी तासीर बदल जाती है। ऐसे में गर्मी में तांबे का पानी आठ घंटे से ज्यादा रखा हुआ कतई न पिएं। इसके साथ ही एक व्यक्ति गर्मी में ज्यादा से ज्यादा दो गिलास तांबे का पानी ही पिए।
गर्मी में ये सावधानी क्यों रखें
आयुर्वेद में तांबे का उपयोग भस्म के तौर पर किया जाता है। इसमें तांबे के धातु गुणों को मारा जाता है, फिर यूज में लाया जाता है। कच्चे तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। तांबे के बर्तन में 8 घंटे से ज्यादा समय तक अगर पानी रखते हैं तो इससे पानी की तासीर गर्म हो जाती है। इस कारण गर्मी के मौसम में गर्म तासीर वाला पानी पीने से कई तरह की शारीरिक परेशानियां हो सकती हैं। कुछ भी पचाने में प्रॉब्लम हो सकती है। यहां यह भी ध्यान रखें कि हमेशा यानी 12 महीने तांबे का पानी में इस्तेमान न करें। इसके अलावा दिन भर भी सिर्फ तांबे का पानी न पिएं।
इन लोगों को तांबे का पानी बिलकुल नहीं पीना चाहिए
कुछ खास बीमारी वाले लोगों को तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने और इसमें खाने से बचना चाहिएं इसकी अधिकता से कॉपर टॉक्सिसिटी हो सकती है। इसके साथ पेट दर्द, उल्टी और किडनी से जुड़ी कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। वहीं जिन लोगों को विल्सन डिजीज है, उनके लिए भी तांबे का पानी नुकसानदायक है।
क्या होती है विल्सन डिजीज
शरीर में तांबे की अधिकता से विल्सन डिजीज होती है। इसमें आंख, लिवर, ब्रेन और शरीर के कई अंगों में तांबा जमा हो जाता है। ऐसे में आप तांबे के बर्तन का उपयोग करेंगे तो स्थिति गंभीर हो सकती है।
इन बीमारियों के लोगों को नहीं पीना चाहिए तांबे का पानी
हाइपर एसिडिटी, किडनी पेशेंट, हार्ट प्रॉबल्म के मरीजों को कई घंटे चार्ज होने के बाद तांबे के पानी की तासीर गर्म हो जाती है। जिससे यह पानी फायदे के बजाय नुकसानदेह हो जाता है।