अविनाश तिवारी, REWA. शासकीय गांधी मेमोरियल अस्पताल (Gandhi memorial hospital) से सिस्टम को शर्मसार करने वाली एक तस्वीर सामने आई है। जहां पर तड़के एक गर्भवती महिला को डिलीवरी के लिए अस्पताल लाया गया। यहां डॉक्टरों ने महिला को अस्पताल में भर्ती करने से इनकार कर दिया जिसके बाद घंटो दर्द कराहती हुई महिला अस्पताल गेट के बाहर ही जमीन पर लेटी रही हालांकि स्थानीय लोगों के द्वारा हंगामा करने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने महिला को भर्ती करवाया। कुछ देर बाद ही महिला ने बच्चे को जन्म दिया। महिला को भर्ती करने में जरा सी और देर की जाती तो एक बड़ी अनहोनी हो सकती थी।
गुढ़ तहसील क्षेत्र स्थित ग्राम अमिलिया निवासी राजू कुशवाहा अपनी गर्भवती पत्नी रामवती कुशवाहा को डिलीवरी के लिए तड़के 3:00 बजे एंबुलेंस के माध्यम से गांधी मेमोरियल अस्पताल लेकर पहुंचा। प्रसव पीड़ा से कराहती महिला को देख धरती के भगवानों का दिल नहीं पसीजा और उन्होंने अस्पताल में भर्ती करने से इनकार कर दिया। जिसके बाद दर्द से कराहती गर्भवती महिला अस्पताल गेट के बाहर ही घंटो जमीन पर पड़ी रही। तभी आस-पास मौजूद लोगों ने मामले पर हस्तक्षेप किया जिसके बाद डॉक्टरों ने महिला को अस्पताल में भर्ती किया। महिला को अस्पताल में भर्ती करते ही कुछ देर बाद उसने एक बच्चे को जन्म दिया। बताया जा रहा है की अगर महिला को भर्ती करने में जरा सी भी देरी के जाती तो जच्चा और बच्चा दोनों की जान खतरे में पड़ सकती थी। फिलहाल डिलीवरी के बाद अब मां और बच्चे दोनों ही सुरक्षित है।
रोज 60 डिलीवरी, क्षमता से अधिक भर्ती
अस्पताल के अधीक्षक अवतार सिंह ने डॉक्टरों की लापरवाही को छुपाते हुए कहा की हमारे द्वारा मामले की जांच पड़ताल की गई थी। महिला लगभग सुबह 3:00 बजे अस्पताल डिलीवरी के लिए पहुंची थी। अस्पताल में इन दिनों बड़ी मात्रा में मरीज है लेबर रूम में क्षमता से अधिक मरीज भर्ती है। एक बिस्तर में दो-दो मरीज लेटे हुए है एक भी बिस्तर अस्पताल में खाली नहीं है। प्रतिदिन 60 से 70 डिलीवरी की जा रही है। बिस्तर उपलब्ध न होने के कारण ड्यूटी में तैनात चिकित्सकों ने महिला से कहा की जैसे ही बेड खाली होगा उसे भर्ती कर लिया जाएगा। बाद में डॉक्टरों ने महिला की सुरक्षित डिलीवरी करवाई। मां और बच्चा दोनों ही अब स्वस्थ है।
पहली डिलीवरी वाले ही जीएमएच आएं
इसके अलावा अस्पताल अधीक्षक अवतार सिंह ने लोगों से अपील कि जिनकी पहली डिलीवरी हो तो ऐसे लोग जीएमएच अस्पताल आ जाए लेकिन जिनकी दूसरी या तीसरी डिलीवरी है वह जिले के अन्य जितने भी शासकीय अस्पताल है वहां चले जाए जहां पर आसानी से उनकी डिलीवरी हो सकती है।