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BHOPAL. गर्मी के मौसम में हम सब पानी पीने के लिए वाटर बोतल का इस्तेमाल करते हैं या फिर पैकेट में रखा हुआ पानी पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं। रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड, बाजारों में यह पानी गर्मियों में धड़ल्ले से बेचा जाता है, लेकिन क्या आप जानते है कि प्लास्टिक की बोतल और पैकेट में रखा ये पानी कैंसर जैसी बीमारियों की वजह बन सकती है। प्लास्टिक की बोतलों में पानी स्टोर करने या पीने से ये पानी हमारी हार्मोनल सिस्टम को प्रभावित करता है। लेकिन क्या आप जानते है कि हमें प्लास्टिक की बोतल का नहीं मटके का पानी पीना चाहिए। मटके का पानी सेहत के लिए काफी फायदेमंद है।
ज्यादा समय ना रखें मटके में पानी स्टोर
मिट्टी के घड़े या मटके का पानी अमृत के सामान होता है। मटके में पानी नेचुरल रूप से ठंडा होता है, जो हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। साथ ही, मिट्टी में ऐसे कई तत्व मौजूद होते हैं, जो कई प्रकार के रोगों से लड़ने की क्षमता रखते हैं। लेकिन कई बार लंबे समय तक मटका और सुराही में पानी भर कर रखना और इसे पीते रहना आपको बीमार बना सकता है।
मटके का पानी पीने के फायदे.....
पीएच लेवल बैलेंस
मटके में रखे पानी का पीएच लेवल बैलेंस रहता है। मटके की क्षारीय प्रकृति पानी की अम्लता यानी एसिडिटी को बेअसर कर सकती है, जो पाचन से जुड़ी समस्याओं वाले लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। क्षारीय पानी पीने से शरीर के पूरे पीएच बैंलेस में सुधार करने में मदद मिल सकती है।
लू से बचाव
गर्मियों में मटके में रखा पानी पीने से लू से बचाव होता है। दरअसल, मटके का पानी शरीर में मिनरल्स और ग्लूकोज के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। यह शरीर को शीतलता प्रदान करता है और गर्मी से संबंधित बीमारियों से भी बचाता है। ज्यादातर लोग गर्मियों में मटके का पानी पीना ही पसंद करते है।
प्राकृतिक ठंडक
मिट्टी से बने मटके में पानी स्टोर करके रखने से पानी हमेशा ठंडा रहता है। गर्मियों के मौसम में मटके का पानी पीने से शरीर के तापमान को कंट्रोल करने में मदद मिलती है और तो और हीट स्ट्रोक यानी लू लगने की समस्या से भी बचा जा सकता है। मिट्टी के घड़े या मटके के पानी में एक अलग ही स्वाद होता है, जो नल से आने वाले पानी में नहीं होता।
गले के लिए फायदेमंद
फ्रिज का पानी पीने से गले में खराश और खांसी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। जबकि, मटके का पानी बहुत ज्यादा ठंडा न होने के कारण गले को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाता है। सर्दी, खांसी और अस्थमा से पीड़ित लोगों को फ्रिज का ठंडा पानी पीने के बजाय मटके का पानी पीना चाहिए। इससे गले से संबंधित किसी तरह की समस्या नहीं होती है।
पानी की क्वालिटी में सुधार
मिट्टी के घड़े या मटके के पानी की गुणवत्ता काफी अच्छी होती है। मटके की झरझरा प्रकृति पानी की अशुद्धियों और विषाक्त पदार्थों को फिल्टर करती है। यही वजह है कि मटके का पानी काफी स्वच्छ और शुद्ध होता है। मिट्टी के बर्तन या मटके केमिकल फ्री भी होते हैं, इसलिए स्वास्थ्य को हानि नहीं पहुंचाते।
पर्यावरण के अनुकूल
मिट्टी के घड़े या मटके में रखा पानी पीना पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है क्योंकि मटके या घड़े मिट्टी से बने होते हैं। मिट्टी के बर्तन या मटके बायोडिग्रेडेबल होते हैं और पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करते।
वजन कम करने में फायदेमंद
कई रिपोर्ट बताती हैं कि प्लास्टिक बोतल के पानी में मौजूद केमिकल शरीर में हॉर्मोन को असंतुलित करता है, जिससे फैट बढ़ सकता है। लेकिन मटके का पानी मेटाबॉलिज्म को तेज करता है। इस वजह से फैट तेजी से बर्न होता है और आपको वेट लॉस में मदद मिलती है।