BHOPAL. बारिश में बीमारियों का होना नई बात नहीं है। बारिश के समय आई फ्लू के बढ़ने का खतरा भी बढ़ जाता है। दरअसल, आई फ्लू एक ऐसी बीमारी है जिसके होने पर आंखों में जलन और खुजली होती है। आई फ्लू इन्फेक्शन वायरस और बैक्टीरिया से फैलता है। इस परेशानी का एक और कारण हीमोफिलस बैक्टीरिया है। यह बीमारी सर्दियों और बारिश के मौसम में ज्यादा तेजी से फैलती है। आई फ्लू होने के और भी कई कारण हैं जैसे-कॉस्मेटिक या कॉन्टेक्ट लेंस कभी-कभी इस बीमारी का कारण धूल-मिट्टी भी हो सकता है। यह इन्फेक्शन एक आंख से शुरू होकर दूसरी आंख तक पहुंचता है। आई फ्लू में आंखों का रंग पीला होने के बाद धीरे-धीरे लाल होने लगता है।
आई फ्लू के प्रकार
- नर्मल आई फ्लूः इस प्रकार के आई फ्लू में आंखों में हमेशा पानी रहता है और आंखों के अंदर के सफेद हिस्से पर खून के धब्बे दिखने लगता है।
बैक्टीरियल कंजक्टिविटी: इस प्रकार के आई फ्लू में आंखों से पीले और हरे रंग का चिपचिपा पानी निकलता है। सुबह उठने पर पलकें आपस में चिपक जाती है।
वायरल कंजक्टिविटी : यह आई फ्लू की शुरुआत हवा में फैले वायरस की वजह से होता है। इसमें खांसी जुकाम, दोनों आंखों में लाली और सूजन की शिकायत होती है।
एलर्जिक कंजक्टिविटी : इस प्रकार के आई फ्लू में आंखों का रंग गुलाबी हो जाता है। इसमें आंखों में खुजली होना और पानी गिरने की परेशानी होती है।
गोनोकोकल कंजक्टिविटी : इस प्रकार के आई फ्लू में इन्फेक्शन होने से आंखें लाल हो जाती है जिस वजह से खुजली और सूजन होती है।
आई फ्लू के लिए घरेलू नुस्खों
- आलू को पतले टुकड़ों में काट लें और रात में सोने से पहले कटे हुए आलू को आंखों के ऊपर 10 मिनट लगाकर रखें।
3 आंवलों का रस निकाल लें फिर एक गिलास पानी में उस रस को मिलाकर सुबह खाली पेट और रात में सोने से पहले पीएं।
हल्के गुनगुने पानी के इस्तेमाल से आंखों को धुले इससे आंखों के ऊपर जमने वाले गंदगी साफ हो जाती है।
गुलाब जल की दो बूंदें आंखों में डाल लें। गुलाब जल से आंखों को धोने से आंखों का इन्फेक्शन कम होगा और आराम मिलेगी।
एक गिलास पानी में 2 चम्मच शहद मिला लें। इस पानी का छींट आंखों पर मारें। इससे संक्रमण कम होगा।
आई फ्लू से बचने के उपाय
- टीवी या मोबाइल से दूरी बना लें
अपनी आंखों को बार-बार छूने से बचें
इन्फेक्शन से बचने के लिए बारिश में जाने से बचें
आंखों को साफ और सूती कपड़े को गुनगुने पानी डालकर साफ कर लें
आई फ्लू के लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करें