BHOPAL. मध्यप्रदेश में इन्फ्लूएंजा वायरस से संक्रमित पहला मरीज मिला है। स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि मरीज होम आइसोलेट है। उसे अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है। युवक को सर्दी-जुकाम की शिकायत है। एम्स में जांच के बाद जानकारी मिली है कि युवक H3N2 से संक्रमित है।
देश के कई राज्यों में H3N2 का खतरा
दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र समेत देश के कई राज्यों में H3N2 वायरस खतरा बढ़ रहा है। इस वायरस ने देश में अब तक 10 लोगों की जान ली है। H3N2 का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र में है। महाराष्ट्र में अब तक स्वाइन फ्लू और H3N2 के 352 केस मिल चुके हैं। H3N2 से 58 मरीज संक्रमित हैं।
इन्फ्लूएंजा के 79 प्रतिशत सैंपल्स में मिला H3N2 वायरस
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में लैब में टेस्ट किए गए इन्फ्लूएंजा सैंपल्स में से करीब 79 प्रतिशत में H3N2 वायरस पाया गया है। इसके बाद 14 प्रतिशत सैंपल्स में इन्फ्लूएंजा-B विक्टोरिया वायरस मिला है। वहीं 7 प्रतिशत सैंपल्स में H1N1 मिला है। इसे आम बोलचाल की भाषा में स्वाइन फ्लू कहते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि मार्च के अंत तक H3N2 वायरस के मामले कम होने लगेंगे।
H3N2 वायरस के लक्षण
H3N2 वायरस से संक्रमित व्यक्ति को ज्यादा दिनों तक बुखार की शिकायत रहती है। नाक से पानी आता है। सिर दर्द करता है। उल्टी होती है। भूख कम लगती है। शरीर में दर्द रहता है। लंबे समय तक खांसी बनी रहती है। इस वायरस से संक्रमित होने पर बलगम लगातार आती है।
H3N2 वायरस से कैसे बचें
डॉक्टर्स का कहना है कि आप थोड़ी सावधानी रखकर H3N2 वायरस से बचाव कर सकते हैं। भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनकर जाएं। हाथों को बार-बार साबुन से धोएं। खुद को हाइड्रेट रखें। पानी, फ्रूट जूस और पेय पदार्थों का सेवन करें। बार-बार अपने मुंह और नाक को छूने से बचें।
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जानलेवा नहीं है H3N2
डॉक्टर्स का कहना है कि H3N2 वायरस जानलेवा नहीं है। इसलिए इससे घबराने की जरूरत नहीं है। H3N2 वायरस को इलाज के जरिए ठीक किया जा सकता है।