दुनिया में हर साल करीब 1.8 करोड़ लोग कैंसर का होते हैं शिकार- रिपोर्ट; कीमोथैरेपी और रेडिएशन से होता है इलाज, लेकिन दुष्प्रभाव भी

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Vijay Choudhary
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दुनिया में हर साल करीब 1.8 करोड़ लोग कैंसर का  होते हैं शिकार- रिपोर्ट; कीमोथैरेपी और रेडिएशन से होता है इलाज, लेकिन दुष्प्रभाव भी

National Cancer Awareness Day 2022:  भारत में हर साल 7 नवंबर को ‘नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे 2022’ के रूप में मनाया जाता है। इस दिन कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है। कैंसर एक बहुत खतरनाक और जानलेवा बीमारी है और यह तेजी से फैलती जा रही है, इसलिए कैंसर के इलाज से संबंधी बातों को बढ़ावा दिया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, इस साल लगभग 10 मिलियन लोगों की मौत सिर्फ कैंसर के कारण हुई है। इसके चलते कैंसर मौत का नंबर-1 कारण बनता जा रहा है। ब्रेस्ट कैंसर, प्रॉस्टेट कैंसर सबसे अधिक फैलने वाले कैंसर में से एक हैं। इन बातों को ध्यान में रखते हुए कैंसर अवेयरनेस डे का महत्त्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है।





नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे का महत्व





साल 2014 में स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय के मंत्री रहे डॉक्टर हर्षवर्धन ने नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे मनाने की शुरुआत की थी। समय रहते इस घातक बीमारी को पकड़ने की जरूरत को समझते हुए उन्होंने इस दिन की शुरुआत की। इस दिन सरकारी अस्पतालों में और म्युनिसिपल क्लीनिक्स में लोगों को फ्री स्क्रीनिंग दी जाती है। यह दिन नोबेल प्राइज पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक मैडम क्यूरी के जन्मदिन के दिन मनाया जाता है। ताकि इनके कैंसर से लड़ने में दिए गए बड़े योगदान को याद किया जा सके





कैंसर होने के मुख्य कारण 





तंबाकू या गुटखे का सेवन





सिगरेट और शराब पीना





लंबे समय तक रेडिएशन के संपर्क में रहना





आनुवंशिक दोष





शारीरिक निष्क्रियता





खराब पोषण





मोटापा





खराब जीवनशैली से बढ़ रहा कैंसर 





इस प्रकार के कैंसर के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं?





ब्लड कैंसर





मुंह का कैंसर





स्तन कैंसर





गर्भाशय का कैंसर





सर्वाइकल कैंसर





पेट का कैंसर





गले का कैंसर





अंडाशय का कैंसर





प्रोस्टेट कैंसर





मस्तिष्क का कैंसर





कैंसर होने के अन्य लक्षण क्या हैं?





खांसी के दौरान ख़ून का आना





खून की कमी की बीमारी एनीमिया





अचानक शरीर के किसी भाग से खून निकलना





स्तनों में गांठ





मीनोपॉज के बाद भी खून आना





भूख कम लगना, त्वचा में बदलाव महूसस होना





किसी अंग का अधिक उभरना या गांठ महसूस होना





प्रोस्टेट के परीक्षण के असामान्य परिणाम





क्या हो सकता है इलाज





कैंसर के काफी अलग-अलग इलाज होते हैं और व्यक्ति के शरीर में कैंसर कितना फैला है और किस स्टेज में है, इस बात पर इलाज निर्भर करता है। कीमोथेरेपी, हार्मोन थेरेपी, इम्यूनो थेरेपी, रेडिएशन थेरेपी कैंसर के इलाज में किए जाते हैं। कैंसर इलाज का तरीका इस बात पर भी निर्भर करता है कि मरीज की सेहत कैसी है और उसकी फैमिली हिस्ट्री क्या है। अगर शुरुआत में ही कैंसर को पकड़ लिया जाता है तो काफी आसानी से इसे ठीक किया जा सकता है।





हर साल लगभग 1.8 करोड़ लोग हो रहे कैंसर का शिकार





बेलगाम जीवनशैली, अनुचित आदतों के कारण लोगों को कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आने का खतरा बना रहता है। ऐसी ही एक जानलेवा बीमारी है कैंसर। किसी भी रूप में चाहे वह सिगरेट, बीड़ी, ग्रामीण इलाकों में पी जाने वाला हुक्का या गुटका हो, इसके सेवन तुरंत बंद कर कैंसर को बढ़ने से रोका जा सकता है। भारत में कुल कैंसर में से पुरुष में 45 और महिलाओं में 20 प्रतिशत कैंसर का कारण तंबाकू है और समय रहते इसे छोड़ देने से इससे बचा जा सकता है। विश्व में हर साल लगभग 1.8 करोड़ लोग कैंसर का शिकार होते हैं, इसलिए यह जरूरी है कि इस बरमारी के प्रति लोगों को जागरूक किया जाये।





बढ़ती उम्र के साथ बढ़ जाती है कैंसर होने की आशंका





74 की उम्र तक कैंसर होने की आशंका लगभग 20.2 फीसदी है। मृत्युदर की तुलना तो कैंसर, हृदयरोग के बाद विश्व की दूसरी सबसे बड़ी जानलेवा बीमारी है। फेफड़ा, लीवर, पित्त की थैली और पेट का कैंसर सबसे जानलेवा है। प्रोस्टेट और थायरायड का कैंसर कम होता है। मुंह और सर्बड्काल कैंसर की रोकथाम संभव है। कैंसर के आम कारणों में धूम्रपान और तंबाकू का सेवन, फिल्पिकल एक्टिविटी की कमी, खराब डाइट, एक्स-रे से निकली किरणें, सूर्य से निकलने वाली पाराबैगनी किरणे, इन्फेक्शन, कैमिली जीन आदि होते हैं।





रेडिएशन थेरेपी से कैंसर का इलाज





विकिरण चिकित्सा यानी कि रेडिएशन थेरेपी, कई प्रकार के कैंसर का प्रभावी ढंग से इलाज करती है। विकिरण न केवल कैंसर कोशिकाओं के विकास को मारता है या धीमा करता है, यह आस-पास की स्वस्थ कोशिकाओं को भी प्रभावित कर सकता है। लेकिन दूसरे कैंसर इलाज की तरह, यह अक्सर साइड इफेक्ट का कारण बनता है। उपचार के बाद हर व्यक्ति अलग-अलग दुष्प्रभावों का अनुभव करता है। दुष्प्रभाव कैंसर के प्रकार, उसके स्थान, विकिरण चिकित्सा की खुराक, आपके सामान्य स्वास्थ्य और कई कारकों पर निर्भर करते हैं।





रेडिएशन थेरेपी के सामान्य दुष्प्रभाव





रेडिएशन थेरेपी को स्थानीय उपचार कहा जाता है। इसका मतलब है कि यह केवल लक्षित शरीर के क्षेत्र को प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए, स्कैल्प के लिए रेडिएशन थेरेपी बालों के झड़ने का कारण बन सकती है। लेकिन जिन लोगों के शरीर के अन्य हिस्सों में रेडिएशन थेरेपी होती है, उनके सिर के बाल आमतौर पर नहीं झड़ते। 





दूसरे और तीसरे हफ्ते से दिखने लगते हैं साइड इफेक्ट





साइड इफेक्ट सबसे अधिक उपचार के दूसरे या तीसरे सप्ताह से शुरू होते हैं। वे आपके अंतिम रेडिएशन के बाद कई हफ्तों तक रह सकते हैं। बहुत से लोग जो रेडिएशन प्राप्त करते हैं उन्हें कुछ थकान और त्वचा की प्रतिक्रियाएं होती हैं। आपके शरीर के जिस क्षेत्र का इलाज किया जा रहा है, उसके आधार पर, आपको दुष्प्रभाव हो सकते हैं।





रेडिएशशन थेरेपी के साइड इफेक्ट





बाल झड़ना





भूख में बदलाव





मुंह और गले में बदलाव 





निगलने में परेशानी





सूजन आना





खांसी होना





दस्त लगना





चक्कर और उल्टी आना





मूत्र और मूत्राशय में परिवर्तन





यौन परिवर्तन





कीमोथेरेपी से कैंसर का इलाज





कैंसर में कीमोथेरेपी मुख्य रूप से एक उपचार है जिसमें दवाओं की मदद से कैंसर कोशिकाओं को तेजी से नष्ट किया जाता है। कीमोथेरेपी को या तो एक विशेष प्रकार के कैंसर के आधार पर एकमात्र उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है या जैसा कि पहले बताया गया है, दूसरों के साथ संयोजन में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसे ज्यादातर इंट्रावेनस (खून की नस में) इंजेक्शन के रूप में और कभी-कभी मुंह से ली जाने वाली दवाओं के रूप में दिया जाता है। 





कीमोथेरेपी कैंसर को करती है कम





कीमोथेरेपी कैंसर कोशिकाएं को तेज गति से विभाजित करती हैं, और उनमें शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने की प्रवृत्ति होती है, जो कि कैंसर की उत्पत्ति वाले के अंग से दूर है।क्योंकि कीमोथेरेपी को रक्त की नसों में डाल दिया जाता है, तो वो दवाइयां खून में मिलकर हर उस स्थान पर काम करती है जहां पर कैंसर विकसित हो रहा होता है जबकि सर्जरी और रेडियोथेरेपी मुख्यतः कैंसर के मूल उत्तक पर इस्तेमाल किए जा सकते हैं।





कीमोथेरेपी भी बनती है दुष्प्रभाव का कारण





कीमोथेरेपी कई प्रकार के कैंसर का प्रभावी ढंग से इलाज करती है। लेकिन दूसरे इलाज की तरह, यह अक्सर दुष्प्रभाव का कारण भी बनती है। कीमोथेरेपी के दुष्प्रभाव हर व्यक्ति के लिए अलग होते हैं। वे कैंसर, स्थान, दवाओं और खुराक के प्रकार, और आपके सामान्य स्वास्थ्य पर निर्भर करते हैं। 





कीमोथेरेपी के साइड इफेक्टस





मतली और उल्टी





स्वाद में बदलाव आना





थकान





कब्ज





बालों का झड़ना





त्वचा में बदलाव





धूप से परेशानी होना





कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली



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