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H1N1, कोरोना और अब H3N2: जानें कौन कितना खतरनाक, क्या हैं इनके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव

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Atul Tiwari
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H1N1, कोरोना और अब H3N2: जानें कौन कितना खतरनाक, क्या हैं इनके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव

BHOPAL. देश में इस वक्त H3N2 वायरस का प्रकोप है। भले ही देश की बड़ी आबादी कोरोना वैक्सीन लग चुकी हो, लेकिन कोरोना अभी गया नहीं है। वहीं H1N1 वायरस के केस भी मिल रहे हैं। भारत में कोरोना के कहर के बाद एडिनोवायरस और इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियां फैल रही हैं। ये पुराने मौसमी फ्लू नहीं है, बल्कि इंफ्लूएंजा का सब-टाइप एच3एन2 वायरस हैं। कई लोगों को लंबे समय तक वायरल खांसी, सांस लेने में तकलीफ और बार-बार छींक आ रही है। उत्तर भारत में इस फ्लू ने जनवरी, फरवरी और मार्च के महीने में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। 





तीनों वायरस के केसों की अभी क्या स्थिति?





हेल्थ मिनिस्ट्री के लेटेस्ट डेटा के मुताबिक, भारत में अभी कोरोना के 4,623 एक्टिव मामले सामने आए हैं। वहीं, H1N1 के 28 फरवरी तक कुल 955 मामले दर्ज किए गए थे। H1N1 के ये सभी मामले तमिलनाडु, महाराष्ट्र, केरल और पंजाब में दर्ज किए गए। इसके अलावा H3N2 वैरिएंट के 451 मामले (2 जनवरी से लेकर 5 मार्च 2023) तक दर्ज किए गए। केंद्र के मुताबिक, H3N2 वैरिएंट के कारण अब तक कर्नाटक और हरियाणा में 2 लोगों की मौत हो चुकी है। हाल ही में असम में भी H3N2 के मामले दर्ज किए गए हैं। 16 मार्च को भोपाल में H3N2 का एक मामला सामने आया।





H1N1 और H3N2

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H1N1: इसे पहले स्वाइन फ्लू के नाम से भी जाना जाता था। यह इन्फ्लुएंजा वायरस की ही तरह जानवरों में होने वाली बीमारी के कारण होता है। वहीं, मौसम बदलने के कारण लोगों को फ्लू और सामान्य सर्दी जुकाम का सामना करना पड़ता है, जो नुकसानदायक साबित नहीं होता।





हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, करीब 200 से 300 तरह के वायरस के कारण सामान्य सर्दी का सामना करना पड़ता है। हर वायरस का अपना सब-टाइप और वैरिएंट होता है। ज्यादातर मामलों में सामान्य सर्दी की समस्या राइनोवायरस, रेस्पिरेटरी सिंकिटियल वायरस, इन्फ्लुएंजा टाइप ए और टाइप बी वायरस के कारण होती है। ज्यादातर मामले H3N2 वायरस की वजह से हो रहे हैं. ये एक तरह का इंफ्लूएंजा ए वायरस है, जो गंभीर है, लेकिन ये स्वाइन फ्लू जितना खतरनाक नहीं है जो महामारी फैला देता है। ये वायरस एक तरह का इंफ्लूएंजा वायरस है। ये एक श्वसन वायरल इंफेक्शन है, जो हर साल बीमारियों का कारण बनता है। इस तरह के इंफ्लूएंजा ए वायरस के सबटाइप को 1968 के दौरान इंसानों में पाया गया था।





ये हैं सिम्प्टम्स

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हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जहां एक ओर कुछ लोगों में सांस से संबंधित के हल्के-फुल्के मामले सामने आ रहे हैं। दूसरी ओर कुछ लोगों में काफी गंभीर लक्षण नजर आ रहे हैं। इसमें खास तौर पर वो लोग शामिल हैं, जिनकी उम्र ज्यादा है, कम प्रतिरक्षा (लो इम्यूनिटी) या उन्हें पहले से ही कोई गंभीर बीमारी है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन सभी इंफेक्शन में कुछ लक्षण काफी आम हैं, जैसे- बुखार, शरीर में दर्द, थकान, सिरदर्द, कफ, और गले में दर्द।





इन सभी वायरस के लक्षण एक-दूसरे से काफी मिलते-जुलते हैं। ऐसे में इस बात का पता लगाना काफी मुश्किल हो जाता है कि आपको सामान्य सर्दी है या H3N2, Covid-19, स्वाइन फ्लू और H1N1। कुछ बातों का खास ख्याल रखकर आप इनमें अंतर कर सकते हैं। 







  • H3N2 के कारण आवाज में भारीपन का सामना करना पड़ता है। वहीं, कोविड-19 की शुरुआत बुखार और सूंघने की क्षमता खत्म होने से हो जाती है।

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  • फ्लू होने पर पूरे शरीर और मांसपेशियों  में काफी ज्यादा दर्द का सामना करना पड़ता है। फ्लू के कारण ड्राई कफ की समस्या का काफी लंबे समय तक सामना करना पड़ता है।


  • हेल्थ एक्सपर्ट्स ने ये भी बताया कि कोविड-19 के कुछ लक्षण जो इन्फ्लुएंजा A वायरस से पीड़ित लोगों में काफी कम देखे जा रहे हैं, उनमें ये शामिल हैं- चीजों की गंध और खाने का स्वाद ना आना और पूरे शरीर में रैशेज (चकत्ते) होना।


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    कैसे पता लगाएं आप किस वायरस से हैं संक्रमित?





    नासाफिरिन्जियल स्वाब, ऑरोफिरीन्जियल स्वैब और नासाफिरिन्जियल वॉश के जरिए आप कोविड-19 और फ्लू का पता लगा सकते हैं। इसके अलावा इन दोनों संक्रमणों का पता लगाने के लिए आप रैपिड टेस्ट का भी सहारा ले सकते हैं। कई बार लोगों में H1N1 और H3N2 के लक्षण दिखाई देते हैं और वह इसे कोविड-19 समझने की गलती कर बैठते हैं। ऐसे में आप अपना कोविड टेस्ट करवाएं, ताकि आपको बीमारी का पता लग सके। एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि H1N1 और H3N2 का टेस्ट एक ही तरह का होता है। ऐसे में एक टेस्ट से ही इन दोनों वायरस का पता लगाया जा सकता है। 





    वायरस से पीड़ित हों तो क्या करें

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    • हेल्थ एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि फ्लू के कुछ लक्षण जैसे बुखार और कफ आदि के लिए आप पेनकिलर्स, नेबुलाइजर ले सकते हैं। साथ ही जरूरी है कि आप घर पर रहकर आराम करें और घर का बना सिंपल खाना खाएं, साथ ही खुद को हाइड्रेटेड रखें यानी शरीर में पानी की कमी ना होने दें। 



  • फ्लू से बचने के लिए जरूरी है कि कोविड के नियमों का पालन करें। लोगों से दूरी रखें, मास्क लगाएं। 


  • फ्लू से संबंधित समस्याओं से बचने के लिए जरूरी है कि आप इंफ्लुएंजा वैक्सीनेशन लगवाएं। 
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  • डॉक्टर की सलाह लें और अपनी मर्जी से एंटीबायोटिक का सेवन करने से बचें।




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