BHOPAL. आज विश्व डाबिटीज डे ( World Diabetes Day ) है। भारत में डायबिटीज के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। कई युवाओं में भी ये पैर पसार रहा है। डायबिटीज का कारण लोगों की गलत लाइफस्टाइल और खानपान है। आपको बता दें कि डायबिटीज कोई बीमारी नहीं है बल्कि एक डिसऑर्डर है। डायबिटीज के मरीजों में ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ जाता है। डायबिटीज के मरीजों को खानपान का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। हम आपको बताएंगे कि कैसे आप डायबिटीज को कंट्रोल रखकर एक हेल्दी लाइफ जी सकते हैं।
डायबिटीज के प्रकार
डायबिटीज 3 प्रकार का होता है। इसमें टाइप-1 डायबिटीज और टाइप-2 डायबिटीज प्रमुख है। टाइप-1 डायबिटीज में पैन्क्रियाज इंसुलिन हार्मोन का निर्माण नहीं कर पाता। टाइप-2 डायबिटीज में शरीर में इंसुलिन का इस्तेमाल सही तरीके से नहीं हो पाता है। तीसरा प्रकार है जेस्टेशनल डायबिटीज जो प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को हो सकता है। बच्चे के जन्म के बाद ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करना आसान होता है।
डायबिटीज में इंसुलिन अहम
पैन्क्रियाज हमारे शरीर में इंसुलिन बनाते हैं। इंसुलिन भोजन से निकाले ग्लूकोज को हमारी नसों तक पहुंचाने की प्रोसेस को कंट्रोल करता है। जब शरीर इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता या इसका सही इस्तेमाल नहीं कर पाता तो शरीर की कार्यप्रणाली पर असर पड़ता है। भोजन से मिला ग्लूकोज ब्लड में बढ़ने लगता है। हाई ब्लड शुगर किडनी, हृदय, आंखों और नर्व्स के लिए नुकसानदायक होती है।
डायबिटीज होने पर प्रोटीन लेना जरूरी
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, इंडिया डायबिटीज (ICMR-INDIAB) ने एक स्टडी में बताया है कि टाइप-2 डायबिटीज को मैनेज करने के लिए व्यक्ति को अपनी डाइट में प्रोटीन की मात्रा 20 प्रतिशत बढ़ा देनी चाहिए। इस रिसर्च में प्रोटीन का ब्लड शुगर लेवल और HBA1c (खून में शुगर लेवल जांच की प्रक्रिया) कम करने के बीच संबंध पाया गया। प्रोटीन ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाए बिना इंसुलिन की प्रतिक्रिया को बढ़ाता है। खाने के बाद व्यक्ति के शरीर में बढ़ने वाले ब्लड शुगर लेवल को भी रोकता है।
इम्युनिटी बढ़ाता है प्रोटीन
डायबिटीज के रोगियों में प्रोटीन इम्युनिटी बढ़ाता है। डायबिटीज में व्यक्ति की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है। प्रोटीन से लंबे वक्त तक पेट भरा रहता है। ये भूख पर काबू करने में मदद करता है। प्रोटीन से वजन भी मेंटेन रहता है और ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल रहता है।
डायबिटीज के मरीजों को क्या खाना चाहिए ?
संतरा
संतरे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। इसलिए इसे डायबिटीज के लिए बेहतर माना जाता है। संतरे में विटामिन-सी होता है। विटामिन-सी इम्युनिटी बढ़ाता है। रोज एक संतरे का सेवन करना फायदेमंद होगा।
सेब
शुगर के रोगियों के लिए सेब भी अच्छा फल साबित हो सकता है। सेब का सेवन डायबिटीज में होने वाले हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है। वहीं इसमें क्वेरसेटिन नामक फ्लैवनॉइड होता है, जो शरीर में कार्ब के पाचन को धीमा करता है। इससे ब्लड में शुगर का स्तर नहीं बढ़ता है।
अंगूर
मधुमेह के रोगियों के लिए अंगूर खाना फायदेमंद होता है। इसमें कई कंपाउंड होते हैं, जो इंसुलिन रिस्पॉन्स में सुधार कर सकता है। इसके साथ ही ये ब्लड शुगर स्तर को बढ़ने से रोक सकता है, अंगूर का सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए।
बेरीज
डायबिटीज होने पर बेरीज खाना अच्छा हो सकता है। बेरीज इंसुलिन सेंसिविटी को बेहतर और रक्त में ग्लूकोज को कम करने में मदद करती हैं। ये लो ग्लाइसेमिक फल होने के साथ-साथ फाइबर, जरूरी विटामिन्स और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरी होती हैं।
ब्रोकली
ब्रोकली स्प्राउट्स खाने से ब्लड शुगर में कमी आ सकती है। ब्रोकली में सल्फोराफेन होते हैं। इससे शुगर लेवल को कम करने में मदद मिलती है। ब्रोकली एक कम कैलोरी, कम कार्ब वाली सब्जी है। ये डायबिटीज कंट्रोल करने के साथ-साथ कई दूसरी बीमारियों के जोखिम को कम करती है।
गाजर
गाजर में विटामिन ए, बी और फाइबर मौजूद होते हैं। जो डायबिटीज में राहत पहुंचा सकते हैं। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है। ये डाबिटीज के मरीजों के लिए एक बेहतर सब्जी है।
टमाटर
मधुमेह के रोगियों के लिए टमाटर खाना फायदेमंद है। इसमें लाइकोपीन, विटामिन-सी, बीटा-कैरोटीन, फ्लेवोनॉइड, पोटैशियम और विटामिन-ई जैसे कई पोषक तत्व होते हैं।
दाल
मधुमेह रोगियों के लिए दाल, प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है। ब्लड शुगर लेवल को कम करने के साथ ही सेहत के लिए भी फायदेमंद होती है।
चना
चने का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। इसमें प्रोटीन और फाइबर भरपूर मात्रा में होते हैं। जो ब्लड शुगर को संतुलित रखने में मदद कर सकता है।
ड्राई फ्रूट्स
मधुमेह के रोगियों को ड्राई फ्रूट्स खाने चाहिए। आप बादाम, अखरोट और पिस्ता को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। बादाम लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स नट्स है। अखरोट शुगर लेवल को कम कर सकता है। पिस्ता से इंसुलिन रेजिस्टेंस और ब्लड शुगर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
मधुमेह के रोगी खाएं चिकन, फिश और अंडा
डायबिटीज के मरीज प्रोटीन के लिए चिकन, फिश और अंडे का सेवन कर सकते हैं। चिकन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो शुगर को नहीं बढ़ाता है। मछली ओमेगा-3, फैटी एसिड्स से भरपूर होती है। अंडे में मौजूद प्रोटीन ब्लड शुगर को कम करने में मदद कर सकता है। इसमें विटामिन डी होता है।
डायबिटीज के मरीज क्या न खाएं
जंक फूड
डायबिटीज के मरीज जंक फूड खाने से बचें। एक स्टडी के मुताबिक जो लोग हर हफ्ते दो बार से ज्यादा फास्ट फूड का सेवन करते हैं, उनका वजन ज्यादा होता है और इंसुलिन प्रतिरोध में अधिक वृद्धि होती है। अगर आप बर्गर और फ्राई खाना चाहते हैं तो घर पर गेहूं की रोटी और शकरकंद फ्राई बना सकते हैं।
स्टार्च फूड
डायबिटीज के मरीजों को स्टार्च फूड खाने से बचें। आलू, शकरकंद, मक्का और बटरनट जैसी सब्जियों में स्टार्च होता है।
पहले से बनी मिठाइयां
पहले से बनी मिठाइयों में शुगर की मात्रा काफी होती है। इससे शुगर लेवल बढ़ सकता है। इसके बजाय आप खुद ताजी मिठाई बनाकर खा सकते हैं।
रिफाइंड अनाज
मधुमेह के रोगियों को रिफाइंड अनाज जैसे सफेद चावल, सफेद पास्ता और सफेद आटे से बनी ब्रेड खाने से बचना चाहिए। ये आपके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकते हैं। इनकी जगह पर आप ब्राउन राइस, ओट्स, साबुत गेहूं, क्विनोआ, बाजरा और मकई खा सकते हैं।
पैक्ड ड्रिंक
डायबिटीज के रोगियों को पैक्ड ड्रिंक नहीं पीनी चाहिए। ये पाचन को धीमा कर देती हैं। अगर आप प्रीडायबिटिक हैं तो जूस, सोडा और मीठी कॉफी बिल्कुल ना पिएं। नींबू पानी, मीठी चाय, मिक्स अल्कोहल कॉकटेल या एनर्जी ड्रिंक पीने से भी बचें।
कुछ ऐसी हस्तियां जिन्हें है डायबिटीज लेकिन जी रहे हैं एक हेल्दी लाइफ
वसीम अकरम
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वसीम अकरम बेस्ट लेफ्ट आर्म पेसर रहे हैं। अकरम शुरुआती ओवरों में नई गेंद को स्विंग कराने के साथ ही डेथ ओवरों में खतरनाक यॉर्कर फेंकने में माहिर थे। अकरम को डायबिटीज से जूझना पड़ा। 1997 में वे टाइप-1 डायबिटीज का शिकार हुए। टाइप-1 डायबिटीज में हमारा शरीर इंसुलिन बनाना ही बंद कर देता है। इसलिए इसमें मरीज को समय-समय पर इंसुलिन को इंजेक्शन या पंप के जरिए लेना पड़ता है। उन्हें दिन में 3 या 4 बार इंसुलिन लेना पड़ता था। अकरम डाबिटीज के साथ खेलते रहे। आज वे एक डायबिटीज को कंट्रोल करके एक हेल्दी लाइफ जी रहे हैं।
सोनम कपूर
बॉलीवुड में अपनी फिटनेस के लिए पहचानी जाने वाली अभिनेत्री सोनम कपूर को 17 साल की उम्र में टाइप-1 डायबिटीज हुआ। हेल्दी बनने और डायबिटीज की समस्या को कंट्रोल करने के लिए सोनम कपूर ने ना केवल अपना वजन कम किया बल्कि,डाइट और लाइफस्टाइल पर भी विशेष ध्यान दिया।
फवाद खान
पाकिस्तानी मूल के एक्टर फवाद खान को टाइप-1 डायबिटीज है। वे जब 17 साल के थे तब फवाद को पता चला कि उन्हें डायबिटीज है। टाइप-1 डायबिटीज इस बीमारी का ऐसा प्रकार है जिसमें अनुवांशिक कारणों से लोगों को डायबिटीज हो जाती है।
सामंथा रूथ प्रभु
साइथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री की सबसे चर्चित अभिनेत्रियों में शुमार सामंथा ने कुछ समय पहले स्वीकार किया था कि उन्हें साल 2013 से ही डायबिटीज की समस्या है। सामंथा ने डायबिटीज का पता चलने के बाद अपनी लाइफस्टाइल में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए और अपनी हेल्थ कंडीशन को अच्छे से मैनेज कर पा रही हैं।
कमल हसन
दक्षिण भारत के सबसे लोकप्रिय स्टार कमल हसन को टाइप-1 डायबिटीज है। हालांकि दिग्गज अभिनेता ने हमेशा ही इस बीमारी से ना घबराने का ही संदेश दिया। कमल डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए अपनी डाइट और लाइफस्टाइल पर विशेष ध्यान देते हैं।
गौरव कपूर
आईपीएल मैचेज के दौरान हंसते-मुस्कुराते से दिखने वाले होस्ट, अभिनेता और पूर्व वीजे गौरव कपूर को 2 वर्ष की उम्र में डायबिटिक होने का पता चला था। वहीं 25 साल की उम्र से उन्होंने इंसुलिन लेने की शुरूआत की थी। गौरव डायबिटीज की बीमारी के बारे में लोगों को जागरुक कर रहे हैं।